11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ये कैसी आरक्षण की नीति है भाई!

भारतीय संविधान में अनुसचित जाति और जनजाति के लोगों के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास के लिए आरक्षण की व्यवस्था है, लेकिन जिन लोगों ने संविधान का निर्माण किया था, उनका विचार इस आरक्षण को हमेशा बरकरार रखने की कभी नहीं रहा होगा. फिलहाल यह व्यवस्था वोट बैंक को बढ़ाने और पुराने वोट बैंक […]

भारतीय संविधान में अनुसचित जाति और जनजाति के लोगों के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास के लिए आरक्षण की व्यवस्था है, लेकिन जिन लोगों ने संविधान का निर्माण किया था, उनका विचार इस आरक्षण को हमेशा बरकरार रखने की कभी नहीं रहा होगा.
फिलहाल यह व्यवस्था वोट बैंक को बढ़ाने और पुराने वोट बैंक को बनाये रखने के लिए इस्तेमाल हो रही है. देश के तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. बारंबार संविधान में संशोधन करके आरक्षण देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता रहा है. इसका कारण है कि सत्ता में दाखिल होने के बाद राजनीतिक दल दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों में अपनी पकड़ बनाने के लिए आरक्षण को आगे बढ़ा देते हैं. गरीब हर धर्म, जाति और संप्रदाय में है. फिर आरक्षण निर्धारित लोगों को ही क्यों?
कृष्ण प्रसाद, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें