13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्याज की कीमत किसकी जेब में

अभी पिछले दिनों समाचार पत्रों में किसी ने लिखा है कि प्याज ज्यादा होता है, तो किसान रोता है और कम पैदा होता है, तो आम लोग रोते हैं. मेरे विचार से वास्तविकता यह है कि ‘प्याज कम पैदा हो या ज्यादा, हर हालत में रोता किसान और आम आदमी ही है. इस देश में […]

अभी पिछले दिनों समाचार पत्रों में किसी ने लिखा है कि प्याज ज्यादा होता है, तो किसान रोता है और कम पैदा होता है, तो आम लोग रोते हैं. मेरे विचार से वास्तविकता यह है कि ‘प्याज कम पैदा हो या ज्यादा, हर हालत में रोता किसान और आम आदमी ही है. इस देश में हमेशा व्यापारी ही हंसता है. उदाहरणार्थ, 150 रुपये प्रति किलो पार प्याज की कीमत पर भी किसान को मात्र आठ रुपये प्रति किलो के भाव से ही भुगतान हुआ है, मतलब 142 रुपये जमाखोरों की जेब में गया.
यह खुला खेल सिर्फ जमाखोरी से उपजी समस्या है. प्याज को किसी दूसरे देश में ले जाकर नहीं छिपाया गया है, अपितु उसे इसी देश में छिपा कर जमाखोरी करके एक समस्या पैदा की गयी है. चूंकि सत्ता जमाखोरों को संरक्षण दे रही है, इसलिए वह उन पर कठोर कार्रवाई ही नहीं करेगी. इसलिए हर हाल में इस देश में मरेंगे किसान और आम आदमी ही. यही सत्य है.
निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें