इन दिनों राज्य के कुछ अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में रोगियों को नकली दवा की आपूर्ति की जा रही है. इसके अलावा, दवा की दुकानों पर भी नकली और निम्न स्तर की दवाओं को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.राज्य में एक ओर दवा निरीक्षकों का अभाव है और जो हैं भी उनमें से अधिकांश दवा दुकानों से रिश्वत वसूलते हैं. दूसरी ओर, राज्य में ड्रग टेस्टिंग लैब की अपर्याप्त व्यवस्था सरकार की लापरवाही बयां करती है. जब इस तरह की खबरें मीडिया में आती हैं तो सरकार की कुंभकर्णी नींद जरूर टूटती है, लेकिन कुछ ही देर के लिए.
आखिर इसे राज्य की निरीह जनता की ही बदकिस्तमी कहेंगे कि वह अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई के असली पैसे देकर नकली दवाई लेने को विवश है और कुछ भ्रष्टाचारियों की अकर्मण्यता के कारण कष्ट और मौत खरीदती है.
पायल सिंह, जमशेदपुर