बिहार के कई ऐसे जिले हैं, जहां की चीनी मिलाें की मशीनें जंग खा रही हैं. यही स्थिति मोतिहारी चीनी मिल की है. इस क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ा चुनाव मुद्दा हो सकता था, परंतु इस तरफ न तो किसी दल का ध्यान है और न ही किसी नेता का. हालांकि जनता को यह अजीब लगता है कि आखिर कौन-सा ऐसा कारण है कि बिहार के चीनी मिल चालू नहीं हो पा रहे हैं.
हालांकि केंद्रीय कैबिनेट में बिहार के नेता मंत्री और राज्य कैबिनेट मंत्री के पद को सुशोभित कर रहे हैं, फिर भी चीनी मिलों की दशा व दिशा में सुधार नहीं होना आश्चर्य की बात है. केंद्र व बिहार दोनों जगह एनडीए की सरकार है, इसके बावजूद बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला.
प्रभाकर कुमार, पतौरा (मोतिहारी)