भारत एंटी-सैटेलाइट मिसाइल तकनीक का घरेलू उपयोग करने के अलावा यदि चाहे तो इसका अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक उपयोग भी कर सकता है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में काफी विस्तार हुआ है.
मंगलयान मिशन की सफलता के बाद भारत सरकार ने गगनयान मिशन को मंजूरी दी है, जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को बाहरी अंतरिक्ष में ले जायेगा. इसरो ने 102 उपग्रह मिशन को भी अंजाम दिया है.
इसमें संचार उपग्रह, भू-पर्यवेक्षण उपग्रह, नौ-संचालन उपग्रह और अनेक प्रायोगिक उपग्रह शामिल है. भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम देश की सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
अब उपग्रहरोधी मिसाइल का सफल परीक्षण कर भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह अंतरिक्ष में अपने संसाधनों और संपदा की रक्षा करने में पूर्ण सक्षम है. वैज्ञानिकों की इस सफलता पर हम सभी को हमेशा गर्व रहेगा.