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महिलाओं के प्रति पुरुषों को बदलना होगा सोच
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष आठ मार्च को मनाया जाता है. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. लेकिन आज भी अत्यधिक मात्रा में महिलाएं शारीरिक या […]
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष आठ मार्च को मनाया जाता है. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. लेकिन आज भी अत्यधिक मात्रा में महिलाएं शारीरिक या मानसिक तौर पर यौन शोषण का शिकार होती हैं.
जन्म के समय से ही कन्याओं को मां-बाप के द्वारा असमानता का दंश झेलना पड़ता है और यह लिंग विभेद का सफर पिता के चौखट को पार करने के बाद पति के घर तक निरंतर चलता रहता है. पुरुषों की मानसिकता बदलनी होगी. क्योंकि, महिलाओं के बिना न देश का विकास हो सकता है और न ही समाज का. उसकी अस्मिता को पहचानना होगा, तभी हम महिला दिवस मनाने के हकदार होंगे.
अभिनव कुमार, लोहिया नगर (बेगूसराय)
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