पैसों के अभाव में कॉलेज में दाखिला नहीं ले पाने की वजह से एक लड़की ने फांसी लगा ली. यह खबर पढ़ कर यह सोचने को मजबूर हो गया कि उच्च शिक्षा पर आम लोगों का अधिकार नहीं है. तो क्या उच्च शिक्षा का हक केवल पैसे वालों को ही है? हम देख ही रहे हैं कि मजदूरी करनेवाले, पान की दुकान चलानेवाले टॉपर बन रहे हैं.
पर साथ ही कितने ही ऐसे विद्यार्थी इंटर के आगे पढ़ाई नहीं कर पाते क्योंकि वे उच्च शिक्षा की भारी फीस नहीं उठा सकते. आज उच्च शिक्षा हम आप लोगों के लिए सपना ही बन कर रह गयी है. क्या हमारी सरकार उच्च शिक्षा को सबके लिए कम से कम फीस में उपलब्ध नहीं करा सकती? शिक्षा, जो किसी भी राष्ट्र के विकास की सबसे महत्वपूर्ण कारक है, आम लोगों तक पहुंच नहीं सकती? तो फिर हम बिना उच्च शिक्षा के विकास की कल्पना भी कैसे कर सकते हैं.
नंद लाल, रांची