भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जी की भारी जीत ने सिद्ध कर दिया है कि लगभग पूरे भारत ने उन्हें समर्थन दिया है. मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्य की जनता ने अत्यधिक मतों और सीटों का समर्थन दिया है.
इन राज्यों के युवाओं की एक विडंबना है कि जब-जब ये महाराष्ट्र या दक्षिणी राज्यों में परीक्षा में शामिल होने जाते हैं तो इन्हें हिंदी राज्य से होने का खमियाजा मार-पीट और अपमान के रूप में भुगतना पड़ता है.
क्या विश्व मंच पर और मंत्रलयों में हिंदी का परचम लहरानेवाले प्रधानमंत्री इस समस्या पर अपनी दृष्टि डालेंगे? क्या हमारे देश के इन युवाओं को अपने लोकप्रिय प्रधानमंत्री से इसका हल मिलेगा? अगर सच में इन्हें किसी भी राज्य में सम्मान के साथ रोजगार का अवसर मिलता है तो मैं समझता हूं कि मोदी को इस क्षेत्र के युवा सिर-आंखों पर बिठायेंगे.
अरुण सज्जन, जमशेदपुर