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स्माइली का सवाल है!

मुकुल श्रीवास्तव टिप्पणीकार आपने बदलाव के बारे में बहुत सी बातें सुनी होंगी. क्या आपने इस बदलाव को महसूस किया है कि स्मार्ट फोन और इंटरनेट कितना तगड़ा बदलाव हमारे जीवन के हर पहलू में ला रहे हैं? कुछ का हमें पता पड़ता है और कुछ का बिलकुल भी नहीं पड़ता. पीसीओ और साइबर कैफे […]

मुकुल श्रीवास्तव
टिप्पणीकार
आपने बदलाव के बारे में बहुत सी बातें सुनी होंगी. क्या आपने इस बदलाव को महसूस किया है कि स्मार्ट फोन और इंटरनेट कितना तगड़ा बदलाव हमारे जीवन के हर पहलू में ला रहे हैं? कुछ का हमें पता पड़ता है और कुछ का बिलकुल भी नहीं पड़ता. पीसीओ और साइबर कैफे अब इतिहास हैं. हर हाथ में इंटरनेट बोले तो दुनियाभर के एप्स से भरे हुए स्मार्टफोन हैं.
एक जमाने में भारत के एक सामान्य इंसान का अगर तकनीक से बहुत पाला पड़ता था, तो दो चीजें थीं- पहला कैलकुलेटर और दूसरा टाइपराइटर. अब तकनीक हमारी जिंदगी का कितना अहम हिस्सा होती जा रही है. यह तकनीकी बदलाव हमारे बातचीत करने की एक नयी वर्तनी गढ़ रहे हैं. कितने नये शब्द मिल गये हैं हमें. थोड़ा सा डूड बन कर चलते हैं. बाजार घूमते और देखते हैं कि इस नयी दुनिया में लोग कैसे बोल-बतिया रहे हैं, उप्स चैट कर रहे हैं…
… यार पिज्जा खाना है. नॉट वरी, चिलेक्स, मुझे गूगल करने दे अभी बताता हूं कि कौन सा पिज्जा आउटलेट करीब है. नेट स्लो है सेम ओल्ड कनेक्शन प्रोब्लम. क्या तू अभी एसएमएस में अटका है. फेंक दे इस फोन को. कोई बजट में स्मार्टफोन ले ले. देख इंसान स्मार्ट हो न हो, पर गैजेट स्मार्ट होने चाहिए…
यह तो एक बानगी है. वर्चुअल वर्ल्ड की बातें रीयल वर्ल्ड में कितनी तेजी से हमसे जुड़ रही हैं. तू कैसा दोस्त है, जो प्रोफेशनल लाइकर्स की तरह मेरी हर बात में हां-हां किये जा रहा है. तेरा भी कोई प्वाॅइंट ऑफ व्यू है कि नहीं? एक्टिव यूजर्स बन, बिंदास कमेंट कर.
यहां प्रेमी प्रेमिका भी कुछ ऐसी ही रौ में बहे चले जा रहे हैं. उधर वो चैट पर जल रही होती, कभी हरी तो कभी पीली और इधर वो, तो बस लाल ही होता है- तुम एक स्माइली भी नहीं भेज सकती, तुम बिजी हो तो मैं कौन सा हैबीचुएटेड चैटर हूं और सुनो चैटर हो सकता हूं चीटर नहीं… अब जवाब भी सुनिये, वह भी कम दिलचस्प नहीं है- काश तुम टाइमलाइन रिव्यू होते, जब चाहती अनटैग कर देती है.
बाप-बेटे की रोड पर होती तकरार का आप भी लुत्फ लीजिये. तुम इतनी रात तक चैट की बत्तियों को जलाकर किसको हरी झंडी दिखाते रहते हो? क्या पापा, ऐसा कुछ भी नहीं है. मैं तो बस फोन पर ही ऑनलाइन रहता हूं.
बेटे, बाप हूं तेरा, मैं इन्विजिबल रहकर तेरी हर हरकत पर नजर रखता हूं. लड़कियों का चक्कर छोड़ पढ़ाई पर ध्यान लगा, नहीं तो जिंदगी तुझे ब्लॉक कर देगी, तब तू बस लोगों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजता फिरेगा और लोग तुझे वेटिंग में डालते रहेंगे.मेरी इस बात पर अब आप मुस्कुराइये. आखिर एक स्माइली का ही तो सवाल है!

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