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डीवाइएफआइ के उत्तरकन्या अभियान को पुलिस ने किया विफल

सिलीगुड़ी : देश में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑ‍फ अनइम्पलोयमेंट (एनआरयू) एक्ट लागू करने समेत छह सूत्री मांगों के मुद्दे पर सिलीगुड़ी में माकपा के युवा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) के बैनर तले बुधवार को सिलीगुड़ी में जोरदार तरीके से ‘उत्तरकन्या अभियान’ चलाया गया. डीवाईएफआई की बंगाल […]

सिलीगुड़ी : देश में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑ‍फ अनइम्पलोयमेंट (एनआरयू) एक्ट लागू करने समेत छह सूत्री मांगों के मुद्दे पर सिलीगुड़ी में माकपा के युवा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) के बैनर तले बुधवार को सिलीगुड़ी में जोरदार तरीके से ‘उत्तरकन्या अभियान’ चलाया गया.

डीवाईएफआई की बंगाल प्रदेश की अध्यक्ष मिनाक्षी मुखर्जी, सचिव सायनदीप मित्र की अगुवायी में दोपहर ढाई बजे शहर के महात्मा गांधी चौक (एयरव्यू मोड़) से शुरू हुई महारैली बर्दमान रोड, झंकार मोड़, जलपाई मोड़, नौका घाट होते हुए 3.15 बजे जैसे ही तीनबत्ती मोड़ पर पहुंचा, पुलिस ने एशियन हाइवे के दोनों ओर बैरिकेट लगाकर कॉमरेड युवाओं के मुहिम पर ब्रेक लगा दिया. इससे गुस्साये युवा और उग्र हो उठे और जबरन बैरिकेट तोड़ने के लिए जद्दोजहद करने लगे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस प्रशासन के बीच तकरीबन पौन घंटे तक जमकर हाई वोल्टेज ड्रामा चला.
जैसे ही उग्र युवाओं ने बेरिकेट तोड़ने में कामयाबी पायी वैसे ही पुलिस को भी मजबूरन भीड़ को खदेड़ने के लिए वाटर केनन से पानी की बौछार करने और पुलिस से भीड़े प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज भी करना पड़ा. इस दौरान प्रदर्शनकारी भीड़ की ओर से पुलिस और पुलिस के वाहनों पर जमकर पत्थर भी बरसाये गये. इस दौरान दोनों ओर से दर्जन भर तकरीबन सात-आठ प्रदर्शनकारी युवा व तीन-चार पुलिसकर्मियों के जख्मी होने की खबर है.
रोके जाने पर ‘लाल’ हुए नेता, पुलिस पर बिफरी मिनाक्षी
उत्तर बंगाल का मिनी सचिवालय ‘उत्तरकन्या’ न पहुंचने और पुलिस द्वारा एक-सवा किमी पहले ही तीनबत्ती मोड़ पर रोक दिये जाने से युवा नेता काफी ‘लाल’ दिखे. डीवाइएफआइ की प्रांतीय अध्यक्ष मिनाक्षी मुखर्जी ने पुलिस प्रशासन और ममता सरकार की तृणमूल पर बिफरते हुए कहा कि बंगाल समेत देश भर में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने, इसके लिए एनआरयू एक्ट लागू करने, सीएए-एनआरसी-एनआरपी का विरोध करने समेत छह सूत्री मांगों के समर्थन में पहले नवान्न मुहिम और आज उत्तरकन्या मुहिम को जबरन रोकने का प्रयास साफ जाहिर करता है कि पुलिस का पोशाक केवल दिखावे के लिए सरकारी वर्दी है, असल में बंगाल की पुलिस वर्दी के आड़ में तृणमूल कार्यकर्ता का काम कर रही है.

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