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महारैली: भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प, बोले वक्ता लोगों से जमीन छीन रही सरकार

रांची : आदिवासी सेना और बिरसा सेवा दल के तत्वावधान में मंगलवार को मोरहाबादी मैदान में भाजपा हटाओ, झारखंड बचाओ महारैली आयोजित की गयी. झाविमो महासचिव बंधु तिर्की की पहल पर आयोजित की गयी इस रैली में कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, राजद और वाम दल समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने शिरकत की. राजनीतिक दलों […]

रांची : आदिवासी सेना और बिरसा सेवा दल के तत्वावधान में मंगलवार को मोरहाबादी मैदान में भाजपा हटाओ, झारखंड बचाओ महारैली आयोजित की गयी. झाविमो महासचिव बंधु तिर्की की पहल पर आयोजित की गयी इस रैली में कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, राजद और वाम दल समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने शिरकत की. राजनीतिक दलों के अलावा कई सामाजिक संगठन भी शामिल हुए. 2019 में होनेवाले चुनाव में भाजपा सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लेते हुए पांच प्रस्ताव पारित किये गये.

सरना कोड लागू करने, रघुवर सरकार को उखाड़ने, आरक्षण में छेड़छाड़ का विरोध करने, गोरक्षा के नाम पर हो रहे अन्याय को समाप्त करने और भूमि अधिग्रहण बिल 2013 में किये गये संशोधन के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला किया गया. रैली में वक्ताओं ने रघुवर सरकार को गरीब, आदिवासी और झारखंडी विरोधी बताया. उद्योगों के नाम पर आदिवासियों की जमीन और स्थानीयता के नाम पर झारखंडियों की नौकरी छीनने का साजिशकर्ता करार दिया.
सरकार को कॉरपाेरेट की है चिंता : बाबूलाल
झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार झारखंड के लोगों के हालात को नजरअंदाज कर रही है. भूल रही है कि धरती की हर बड़ी लड़ाई जमीन को लेकर ही लड़ी गयी है. बिरसा मुंडा जैसे आदिवासियों के पूर्वजों ने भी इसी वजह से ऐसी लड़ाई कि अंग्रेजों को भी झारखंडियों की जमीन बचाने के लिए सीएनटी, एसपीटी एक्ट बनाना पड़ा. फिर भी आजादी के बाद झारखंड के लोगों की हजारों एकड़ जमीन विकास के नाम पर छीन ली गयी. आज भी उन विस्थापितों को न्याय नहीं मिला है. 2014 के बाद से बनी सरकार ने केवल लोगों को जमीन से उजाड़ने का काम किया. लोगों की सुनने के लिए सरकार तैयार नहीं है. गरीबों की चिंता नहीं है. 11 लाख से ज्यादा लोगों का राशन कार्ड रद्द कर सरकार उसे अपनी उपलब्धियों में गिनाती है. स्कूलों-अस्पतालों की हालत खराब है. पर, सरकार को इसकी चिंता नहीं है. सरकार कौड़ी के भाव गरीब झारखंडियों की जमीन का अधिग्रहण कर बाद में उसे बेच रही है. खान-खदान में काम करनेवाले लोगों की स्थिति बदतर है. खनन क्षेत्र के लोग गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने के लिए मजबूर हैं.
जान और जमीन लेने का एजेंडा : सुबोध
कांग्रेस नेता सह पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय ने कहा कि झारखंड में सरकार का एजेंडा लोगों का जीवन, जान और जमीन लेने का है. झारखंडियों की जमीन लूटी जा रही है. सीएनटी में संशोधन भी केवल जमीन लूटने के लिए ही किया गया.
गलत फैसले ले रही है सरकार : सुखदेव
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक दल के नेता सुखदेव भगत ने कहा कि सत्ता के नशे में रघुवर सरकार गलत फैसले ले रही है. शिक्षक को पांच और शराब बेचनेवाले को 25 हजार रुपये मानदेय दे रही है. सुनियोजित तरीके से राज्य के युवा छात्रों का भविष्य बिगाड़ रही है. .
झारखंड को धर्मशाला बना दिया : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड को धर्मशाला बना दिया है. स्थानीय नीति बना कर बाहरी लोगों को यहां लूट करने की छूट दे दी है. पॉवर प्लांट, उद्योग और खान-खदान के नाम पर जमीन लूटी जा रही है.
राज्य में उलगुलान की जरूरत : अमित
झामुमो के विधायक अमित महतो ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों-मूलवासियों का हक छीनने की कोशिश की जा रही है. सरकार की नीतियों की वजह से राज्य में ठेकेदार से लेकर अफसर, पुलिस और चपरासी तक बाहरी व्यक्तियों को बनाया जा रहा है.
डॉ प्रदीप बलमुचू : झारखंडियों की जमीन लूटने के लिए साजिश की जा रही है. मिठाई और चनाचूर बनानेवाले लोगों को उद्यमी का दरजा दिया जा रहा है.
पौलुस सुरीन : पूंजीपतियों को जमीन देने के लिए ही भूमि अधिग्रहण संशोधन विधयेक और धर्मांतरण बिल लाया गया है. स्थानीयता नीति एेसी बनी कि बाहरी लोग ही स्थानीय बन गये़
बंधु तिर्की : हमारे लोगों को महारैली में आने से रोका गया है़ यह लाेगों की आवाज दबाने की कोशिश है़
गौतम सागर राणा : मोमेंटम झारखंड के माध्यम से राज्य में मौजूद 40 प्रतिशत खनिजों को बेचने की कोशिश हुई है़
विनोद सिंह : अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, मजदूर, सबके लिए कानून हैं. कानूनों का उल्लंघन नहीं हाेना चाहिए.
अन्नपूर्णा देवी : कभी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट, तो कभी माइनिंग समिट के नाम पर सरकार यहां की संपदा पूंजीपतियों को देने की कवायद कर रही है.
भुवनेश्वर मेहता : नौकरी से लेकर ठेकेदारी तक छत्तीसगढ़ व दूसरे राज्यों के लोगों के पास जा रही है़
गीताश्री उरांव : भाजपा सरकार झारखंड में दमनचक्र चला रही है. जन विरोधी नीतियां बनायी जा रही है.
ग्लैडसन डुंगडुंग : राज्य में भाजपा साझा संस्कृति नष्ट कर रही है. झारखंड यहां के आदिवासियों और मूल निवासियों का है, जिन्होंने इस के गठन के लिए कुर्बानियां दी है़ं जिन्होंने कोई लड़ाई नहीं लड़ी, वह सत्ता पर काबिज हैं.
दयामनी बारला : भाजपा को हटाने की जरूरत है. विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना होना होगा़
डॉ करमा उरांव : यदि इस सरकार की सभी नीतियां लागू हो गयी, तो यहां के आदिवासी और मूलवासी कहीं के नहीं रहेंगे़
एस अली : गलत स्थानीय नीति के कारण 13 जिलों में बाहर के लोगों की बाढ़ आ गयी है, जो 50% आरक्षित सीटों पर दावा कर रहे हैं.
अजय तिर्की : राज्य के आदिवासी या मूलवासी विकास विरोधी नहीं हैं. पर विकास के नाम पर विनाश स्वीकार नहीं है़ सरकार सरना कोड दे़
जेरोम जेराल्ड कुजूर : सरना-ईसाई के नाम पर सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करनेवाली सरकार को उखाड़ फेंकना होगा़
वीरेंद्र भगत : हमने जमीन अधिग्रहण कानून में संशोधन या धर्मांतरण बिल की मांग नहीं की थी. जिस सरना धर्म कोड की मांग की, सरकार उसे नहीं दे रही है़

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