रांची : कांग्रेस नेता प्रदीप कुमार बलमुचू, रामेश्वर उरांव समेत झारखंड के एक दर्जन नेताओं ने राहुल गांधी को पत्र लिख कर इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया है. पत्र में कहा गया है कि राजनीति में कभी कभार ऐसे वक्त आते हैं, जब हमें कठिन दौर से गुजरना पड़ता है. ये वक्त चुनौतियों, धैर्य और संघर्ष का है. वर्ष 1977 के चुनाव में दूरदृष्टि, पक्का इरादा, दृढ़ इच्छा, आत्मविश्वास के लिए मशहूर इंदिरा गांधी जैसे शक्तिशाली नेतृत्व को भारी पराजय का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी.
Advertisement
बलमुचू समेत एक दर्जन नेताओं ने राहुल को लिखा पत्र, कहा इस्तीफा वापस लें
रांची : कांग्रेस नेता प्रदीप कुमार बलमुचू, रामेश्वर उरांव समेत झारखंड के एक दर्जन नेताओं ने राहुल गांधी को पत्र लिख कर इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया है. पत्र में कहा गया है कि राजनीति में कभी कभार ऐसे वक्त आते हैं, जब हमें कठिन दौर से गुजरना पड़ता है. ये वक्त चुनौतियों, धैर्य […]
दो वर्ष के भीतर ही जनता की आवाज उठने लगी थी, आधी रोटी खायेंगे-इंदिरा को वापस लायेंगे. पुन: 1980 में इंदिरा गांधी को प्रचंड मतों से शासन चलाने का आशीर्वाद मिला. पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी, डॉ मनमोहन सिंह, यूपीए चेयरमैन सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताअों ने आलोचनाएं सही और सबने अपनी प्रतिभाओं के बल पर अपनी योग्यता और विश्वसनीयता देश की जनता के सामने प्रस्तुत किया.
आपके नेतृत्व में भी लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के दौरान एक सांसद के रूप में भी जनता के मुद्दों को लेकर मजबूती से अापने सरकार को घेरने का काम किया. देश का एक-एक कांग्रेस कार्यकर्ता आपके नेतृत्व में फिर से संघर्ष करने के लिए तैयार है. कांग्रेस के गौरवशाली इतिहास और परंपरा को ध्यान में रखते हुए अपना इस्तीफा वापस लें.
Advertisement