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बिहार : प्याज, टमाटर हुए महंगे, केला बाजार से गायब

हड़ताल. चौथे दिन भी जारी रही ट्रांसपोर्टरों की स्ट्राइक, अब दिखने लगा बाजार पर असर पटना : लघु खनिज अधिनियम 2017 के विरोध में ट्रांसपोर्टर एवं ट्रक चालकों के हड़ताल पर जाने का असर अब दिखना शुरू हो गया है. हड़ताल के चौथे दिन रविवार को फल व सब्जियों के साथ-साथ खाद्यानों की कीमत में […]

हड़ताल. चौथे दिन भी जारी रही ट्रांसपोर्टरों की स्ट्राइक, अब दिखने लगा बाजार पर असर
पटना : लघु खनिज अधिनियम 2017 के विरोध में ट्रांसपोर्टर एवं ट्रक चालकों के हड़ताल पर जाने का असर अब दिखना शुरू हो गया है. हड़ताल के चौथे दिन रविवार को फल व सब्जियों के साथ-साथ खाद्यानों की कीमत में भी वृद्धि दिखने लगी है. प्याज की कीमत 50 रुपये और टमाटर की 80 रुपये पर पहुंच गयी. सिंगापुरी केला बाजार से ही गायब हो गया. जानकारों का मानना है कि अगर हड़ताल नहीं टूटती है, तो अनाज, सब्जी और तेल जैसे खाद्य पदार्थों की कीमत और बढ़ सकती है.
काले पड़ गये केले, बिक रहे 55 रुपये दर्जन : टमाटर की कीमत में भी इजाफा हुआ है और यह 60-70 से बढ़ कर 80-90 पर पहुंच गया है. सेब की कीमत भी शनिवार से बढ़ गयी.
60-80 रुपये प्रति किलो वाले सेब 80-100 तक में मिलने लगे हैं. रविवार को 110 रुपये प्रति किलो तक बिके. रविवार को छठव्रतियों द्वारा किये जाने वाले उपवास का दिन होने के कारण फलों की मांग भी सामान्य से अधिक थी. केला नहीं आने के कारण रविवार को बाजार से लगभग गायब ही दिखा. जो पुराने खेप के केले बिक रहे थे, वो काले पड़ गये. लाेग उपवास के बाद के फलाहार के लिए 50-55 रुपये दर्जन की कीमत पर खरीदते देखे गये. बाजार समिति में केला का कारोबार करनेवाले सत्येंद्र लाला ने बताया कि महंगाई की वजह बड़े ट्रकों से ढुलाई बंद होना है. छोटे ट्रकों से समान आने पर ढुलाई खर्च दोगुना हो जा रहा है. इसके कारण हरी सब्जियों की कीमत में भी ईजाफा हुआ है. आपूर्ति की कमी का ओट लेकर कारोबारियों ने तेल और चीनी की कीमत में भी एक-दो रुपये की वृद्धि कर दी है.
हड़ताल में शामिल ट्रांसपोर्टर रविवार को भी अपनी मांगों के समर्थन में डटे रहे. ट्रांसपोर्ट नगर व उसके आसपास तीन-चार हजार गाड़ियों का जमावड़ा रविवार को भी दिखा. बाजार समिति में भी 400-500 ट्रक पहले की तरह ही खड़े दिखे. न्यू बाइपास पर जीरो माइल से मनेर तक चार-पांच हजार वाहनों का जमावड़ा लगा रहा. बड़हिया, मनेर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों की तरह ही रविवार को भी मशाल जुलूस निकाला गया जिसमें हजारों की संख्या में ट्रक ऑपरेटर, चालक और खलासी शामिल हुए.
ट्रांसपोर्टरों की प्रमुख मांगें
1. बालू या लघुु खनिज ढोने वाले ट्रकों को डाला के उपर से पैकिंग फ्रेम बना कर डंपर या बक्से की शक्ल देने की बाध्यता खत्म करना.
2. वाहनों मे ई-लॉकिंग व जीपीएस लगाने का प्रावधान वापस लेना.
3. निबंधन शुल्क, लाइसेंस शुल्क, परमिट व फिटनेस शुल्क में बढ़ोतरी वापस लिया जाये.
4. बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी को वापस लिया जाये.
5. पथ परिवहन एवं संशाेधित सुरक्षा विधेयक 2017 को पूरी तरह वापस लिया जाये.
मालगोदाम में प्याज, चढ़ रही कीमत : बिहार में प्याज की आपूर्ति नासिक व महाराष्ट्र के कुछ अन्य हिस्सों से होती है. मालगाड़ी से इन्हें फतुहा लाया जाता है और वहां से प्रदेश के अन्य थोक बाजारों में ले जाया जाता है.
पिछले तीन दिनों से फतुहा लाये गये प्याज रेलवे के मालगोदाम में पड़े हैं. फतुहा स्टेशन से ऑपरेट करने वाले अधिकतर ट्रक चालक हड़ताल में शामिल हैं. इसके कारण मंडियों में प्याज की कमी हो गयी है और रेट बढ़ रहे हैं.

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