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पेंशन की गुहार लगाने निकला था, साहेबों का चक्कर लगाते गयी जान, व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
तरहसी (पलामू) : वृद्धापेंशन व आवास की आस लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे बीमार मौला भुईयां (62) कार्यक्रम स्थल से महज सौ मीटर पहले गिर पड़ा और उसकी मौत हो गयी. यह घटना शनिवार को तरहसी प्रखंड के पाठक पगार गांव की है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, पाठक पगार […]
तरहसी (पलामू) : वृद्धापेंशन व आवास की आस लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे बीमार मौला भुईयां (62) कार्यक्रम स्थल से महज सौ मीटर पहले गिर पड़ा और उसकी मौत हो गयी. यह घटना शनिवार को तरहसी प्रखंड के पाठक पगार गांव की है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, पाठक पगार पंचायत में ही उपविकास आयुक्त बिंदुमाधव सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. दोपहर करीब 12 बजे मौला अपनी पत्नी शनिचरी देवी के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा.
जानकारी के अनुसार, वहां उसने वृद्धापेंशन व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए आवेदन दिया. इसी बीच उसे बताया गया कि इसके लिए आधार कार्ड व राशन कार्ड होना जरूरी है. यह सुन मौला आनन-फानन में कागजात लाने कार्यक्रम स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित अपने घर गया. वहां से फिर दरबार के लिए लौटा, पर रास्ते में ही दोपहर करीब तीन बजे उसकी मौत हो गयी.
उसके हाथ में आवेदन था. उसकी पत्नी रो रोकर अपनी व्यथा बता रही थी. उसका कहना था कि कुछ दिन पहले जब प्रखंड कार्यालय में शिविर लगा था, तब उसके पति ने आवेदन दिया था. लेकिन आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ.
बिचौलिये पेंशन स्वीकृति के नाम पर पैसे मांग रहे थे. आखिर वह गरीब कहां से पैसा देते. पेंशन की आस में उसके पति की जान चली गयी. मौला भुईयां का इकलौता बेटा अरविंद राम पंजाब में रहकर मजदूरी करता है. गांव में मौला अपनी पत्नी के साथ रहता था.
वहीं सरकारी पदाधिकारियों के मुताबिक, 2011 की जनगणना में जो एससी डाटा बना था उसमें मौला भुईयां का नाम आवास पानेवाले लाभुकों के सूची में नहीं था. जो नयी सूची बनी है उसमें मौला का नाम है. लेकिन यह सूची अभी स्वीकृत नहीं हुई है. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि कार्यक्रम शुरू होने से पहले भी मौला कई बार आयोजन स्थल का चक्कर लगा चुका था. उसे उम्मीद थी, कि आज उसके नाम पर वृद्दा पेंशन स्वीकृत हो जायेगी.
क्या कहते हैं डीडीसी
पलामू के डीडीसी बिंदु माधव सिंह ने कहा कि मौला भुईयां कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे थे, इसी दौरान उनकी मौत हुई है. बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि सरकारी प्रावधान के मुताबिक मौला के परिजनों को तत्काल सरकारी सहायता उपलब्ध करायी जाये. यदि पूर्व में मौला ने कोई आवेदन दिया था, तो उस पर अपेक्षित कार्रवाई क्यों नहीं हुई. इसके लिए जो भी जिम्मेवार होंगे उन पर नियम सम्मत कार्रवाई होगी.
क्या कहते हैं बीडीओ
तरहसी बीडीओ पवन लकड़ा का कहना है कि मौला भुईयां के हाथ में जो कागजात थे, वह मौला के नही थे. बल्कि उसकी पत्नी अमस्या देवी उर्फ शनिचरी के थे. आधार कार्ड और खाता में दो नाम होने के कारण भी परेशानी थी. मौला भुईयां ने यदि पूर्व में आवेदन दिया था, तो किसके पास जमा किया गया था. किस अवधि में उसने आवेदन दिया था.
इसके बारे में परिजनों से जानकारी ली जायेगी. चूंकि अभी उसके परिजन बात करने की स्थिति में नहीं थे. इसलिए उनका बयान नहीं लिया जा सका है. विधवा पेंशन के साथ-साथ मौला के परिजन को आंबेडकर आवास योजना के तहत आवास आवंटन किया जायेगा.
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