मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम सफाई के मामले में अव्वल होगा. इस लक्ष्य को लेकर जब काम शुरू हुआ, तो रात में विशेष सफाई व्यवस्था होती थी. यह देख कर यह महसूस हो रहा था कि आने वाले दिनों में सफाई के मामले में निश्चित तौर पर मेदिनीनगर अव्वल हो जायेगा. लेकिन शुरुआती सक्रियता के बाद सफाई की व्यवस्था की गति मंद पड़ गयी है. शहर के चौक – चौराहों पर लगी गंदगी यह बताने के लिए काफी है कि शहर में सफाई व्यवस्था का हाल किया है.
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जिधर देखिये, वहीं दिखेगी गंदगी
मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम सफाई के मामले में अव्वल होगा. इस लक्ष्य को लेकर जब काम शुरू हुआ, तो रात में विशेष सफाई व्यवस्था होती थी. यह देख कर यह महसूस हो रहा था कि आने वाले दिनों में सफाई के मामले में निश्चित तौर पर मेदिनीनगर अव्वल हो जायेगा. लेकिन शुरुआती सक्रियता के […]
ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इसी ढर्रे पर काम होने से मेदिनीनगर सफाई के मामले में अव्वल हो जायेगा. मेदिनीनगर नगर पर्षद से प्रमोट होकर मेदिनीनगर नगर निगम बना है. नगर आयुक्त के तौर पर आइएएस अधिकारी की पदस्थापना भी हुई है. पदस्थापना के बाद नगर आयुक्त दिनेश प्रसाद ने जो सक्रियता दिखायी, उससे लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब सफाई व्यवस्था चुस्त दुरुस्त दिखेगी.
लेकिन ऐसा सोचने वाले निराश हैं. सक्रियता कम क्यों हो गयी, यह एक अलग सवाल है. लेकिन जिस तरह शुरुआती रफ्तार के बाद गति मंद पड़ी है, उसे देख कर सफाई व्यवस्था के बारे में लोग यही कह रहे हैं कि चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात. जो ग्रामीण इलाके शहरी क्षेत्र में शामिल हुए, तो उनकी बात छोड़ दी जाये, तो जो इलाके पहले से ही शहर में शामिल थे, वहां सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है.
चाहे जिला स्कूल चौक हो, छहमुहान हो, बाजार क्षेत्र हो या शहर का कोई दूसरा इलाका. जहां खड़ा हो जाइये, वहीं गंदगी मिलेगी. ऐसे में कहां चल रही है सफाई व्यवस्था. वैसे तो निगम के बैठक में लगातार फैसले लिये गये. कहा गया परिवर्तन दिखेगा. लेकिन यह परिवर्तन कहां और किस रूप में दिखेगा. इसका इंतजार आज भी लोगों को है.
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