लोहरदगा : ज्ञान सेतु कार्यक्रम के प्रमाणीकरण को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी रतन कुमार महावर की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें ज्ञान सेतु कार्यक्रम को गति प्रदान करने अथवा बेहतर परिणाम के लिए सभी शिक्षकों के उत्साहवर्धन के लिए स्कूल में संचालित हो रहे उक्त कार्यक्रम की गुणवत्ता की जानकारी ली. ज्ञान सेतु कार्यक्रम के प्रमाणीकरण को लेकर तैयार की गयी योजना तथा इसकी अवधारणा को स्पष्ट करने को लेकर बैठक आयोजित की गयी़ इस कार्यक्रम का अनुश्रवण नियमित रूप से सभी संकुल साधनसेवी, प्रखंड साधनसेवी द्वारा ई विद्या वाहिनी के माध्यम से किया जा रहा है़ अनुश्रवण के आंकड़ों के विश्लेषण से यह बात उभर कर आयी है कि स्कूलों में ज्ञान सेतु कार्यक्रम का संचालन प्रभावी तरीके से किया जा रहा है. वैसे विद्यालय इस जिले में 39 है़ं जिनका औसत इससे बेहतर है.
इन विद्यालयों को प्राथमिकता के आधार पर ज्ञान सेतु कार्यक्रम के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है़ वैसे विद्यालय जो ज्ञान सेतु कार्यक्रम में किसी न किसी बिंदु पर कमतर है उनको भी प्रोत्साहित कर ज्ञान सेतु कार्यक्रम में जोड़ा जाये. ज्ञान सेतु कार्यक्रम में तीन श्रेणियां बनायी गयी है इसके तहत कक्षा दो में नामांकित 75 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की संख्या की पहचान करनी है. कक्षा तीन से पांच में कुल नामांकित छात्र -छात्राओं को 90 प्रतिशत की दक्षता प्राप्त करना है. कक्षा छह से नौ में नामांकित छात्र-छात्राओं के 90 प्रतिशत के स्तर 2 की दक्षता का पता ज्ञान सेतु अंतर्गत उपलब्ध कराया गया. इसके तहत अभ्यास पुस्तिका में शिक्षकों द्वारा वर्ग कक्ष कार्य की जांच की जा रही है. कहा गया कि प्रखंड संसाधन द्वारा कम से कम दो बार विद्यालय का अनुश्रवण किया जाना है. बैठक में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे.