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जीएसटी लागू कर चाय में मिठास बढ़ाने की तैयारी

जमशेदपुर : जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू होने से चाय की मिठास और बढ़ेगी. जीएसटी लागू होने की स्थिति में चीनी, चाय पत्ती और दूध पाउडर की कीमताें में करीब 2-3 प्रतिशत की कमी आयेगी. जीएसटी में चाय, चीनी और दूध पाउडर को पांच प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है. वर्तमान में इन […]

जमशेदपुर : जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू होने से चाय की मिठास और बढ़ेगी. जीएसटी लागू होने की स्थिति में चीनी, चाय पत्ती और दूध पाउडर की कीमताें में करीब 2-3 प्रतिशत की कमी आयेगी.

जीएसटी में चाय, चीनी और दूध पाउडर को पांच प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है. वर्तमान में इन पर टैक्स की दर 7-8 प्रतिशत के बीच है. वर्तमान में चीनी पर 71 रुपये प्रति क्विंटल की दर से विशेष केंद्रीय उत्पाद शुल्क के साथ-साथ 124 रुपये प्रति क्विंटल विशेष उपकर भी लगता है. इसके साथ सीएसटी, चुंगी और प्रवेश कर को मिलाकर चीनी पर टैक्स की दर
लगभग आठ प्रतिशत बनती है, जो वर्तमान में चीनी पर लगने वाले कर से तीन प्रतिशत कम है. चीनी विक्रेतआें ने कहा टैक्स भले ही कम किया जा रहा है, लेकिन एक्साइज जाेड़ दिया जा रहा है, बात बराबर हाे जा रही है. इसी तरह से चाय और कॉफी (तुरंत तैयार होने वाली कॉफी को छोड़कर) वैट, सीएसटी, चुंगी और प्रवेश कर को मिलाकर वर्तमान में इस पर सात प्रतिशत टैक्स लगता है,
जबकि प्रस्तावित जीएसटी में चाय और कॉफी के लिए पांच प्रतिशत की दर निर्धारित की गयी है. दूध पाउडर पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क तो नहीं लगता है, लेकिन वैट, सीएसटी, चुंगी, प्रवेश कर को
मिलाकर इस पर सात प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है. प्रस्तावित जीएसटी में इस पर पांच प्रतिशत की दर से कर की व्यवस्था की गयी है.
समय तय करेगा चाय की चुस्की मीठी या कड़वी
जीएसटी के बाद चाय का स्वाद मीठी या चाय कड़वी हाेगी, इसे समझना हाेगा. चाय में लगनी वाली सामग्री दूध कर मुक्त होगा, वही चाय, चीनी आैर दूध पाउडर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. अभी इनमें एक्साइज व वैट मिलाकर 7-8 प्रतिशत टैक्स लगता है. यही चाय अगर किसी रेस्टाेरेंट में पीयेंगे, तो रेस्टाेरेंट टैक्स का भुगतान करना हाेगा.
भारत में अधिकतम कारोबारी- व्यापारी काे जब मन करता है, ताे वे चाय ठेला दुकान से मंगाते हैं. चायवाला छोटा व्यापारी होता हैं, उनको तो सिर्फ खरीद पर जीएसटी देना होगा. जिस व्यापारी ने उस चाय की चुस्की ली, उन्हें रिवर्स चार्ज के हिसाब से उस चाय का भुगतान के साथ जीएसटी कर भुगतान भी तैयारी करनी पड़ेगी. जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज का मतलब है कि कर का भुगतान करने की देनदारी आपूर्तिकर्ता के बजाय माल-सेवाओं के प्राप्तकर्ता द्वारा की होती है.
पवन पेरीवल, सीए
लिक्विड दूध काे जीएसटी फ्री किया गया है, जबकि पाउडर दूध पर पांच प्रतिशत जीएसटी तय किया गया है. जमशेदपुर आैर आस-पास में पाउडर दूध की अधिक खपत है. डेयरी से लिक्वड दूध की अापूर्ति उतनी नहीं हाे पाती है, जिसके कारण पाउडर दूध से ही हाेटल में मिठाइयां आदि का निर्माण किया जाता है. ऐसी स्थिति में साफ है कि बाजार पर असर पड़ेगा, मिठाइयां महंगी हाेंगी.
उमेश अग्रवाल, दुग्ध विक्रेता.
चाय बेचनेवालाें काे जीएसटी के बारे में कुछ नहीं बताया गया है. वे पढ़े लिखे भी नहीं है. उन्हें कार्यशाला के लिए भी आमंत्रित नहीं किया गया है. प्रशासन काे चाहिए कि कानून के बदलाव में सभी काे जानकारियां उपलब्ध कराये. वे 1964 से चाय की दुकान चला रहे हैं, लेकिन नये तरह के बदलाव जाे चाय-दूध बेचनेवालाें के लिए किये जा रहे हैं के संबंध में काेई जानकारी नहीं है.
जलधर गाेप, चाय विक्रेता

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