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एसआरइ योजना से बाहर होगा धनबाद

नक्सली घटना नहीं होने के कारण बाहर करने पर विचार कर रहे हैं पुलिस अधिकारी धनबाद : सिक्युरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर (एसआरइ) योजना से राज्य के तीन जिले धनबाद, कोडरमा और रामगढ़ बाहर होंगे. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उक्त जिलों में लंबे समय से कोई बड़ी माओवादी घटनाएं नहीं हुई हैं. इसलिए वर्तमान में यह मान […]

नक्सली घटना नहीं होने के कारण बाहर करने पर विचार कर रहे हैं पुलिस अधिकारी

धनबाद : सिक्युरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर (एसआरइ) योजना से राज्य के तीन जिले धनबाद, कोडरमा और रामगढ़ बाहर होंगे. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उक्त जिलों में लंबे समय से कोई बड़ी माओवादी घटनाएं नहीं हुई हैं. इसलिए वर्तमान में यह मान जा रहा है कि उक्त तीन जिले नक्सल मुक्त हो चुके हैं. इसके अलावा लंबे समय से इलाके में किसी बड़े नक्सली के भी होने की सूचना नहीं है.
पूर्व में घटित घटनाओं के आधार पर ही तीनों जिलों में नक्सली हिंसा का अध्ययन किया गया है, जिसके आधार पर यह पाया गया है कि पहले की तुलना में नक्सली घटनाएं नहीं के बराबर हुई हैं. ऐसी स्थिति में उक्त तीनों जिलों में एसआरइ योजना के तहत जो रुपये खर्च किये जाते हैं, उसका अब कोई औचित्य नहीं रह गया है. इसके साथ ही उक्त तीनों जिलों को एसआरइ योजना से बाहर करने पर सरकार पर भी वित्तीय बोझ कम होगा. इसलिए तीनों जिलों को एसआरइ योजना से बाहर करने पर विचार किया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, किसी जिला में एसआरइ योजना तब लागू की जाती है, जब वहां नक्सली गतिविधियां और घटनाएं होती रहती हैं.
नक्सली गतिविधि और घटनाओं के आधार पर ही पूर्व में झारखंड के कई जिलों को एसआइर योजना में शामिल किया गया था. झारखंड में पहले से बोकारो, चतरा, धनबाद पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, रांची, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, रामगढ़, दुमका, देवघर और पाकुड़ जिला एसआरइ योजना के अंतर्गत आते हैं.
कोयला-शराब पकड़े जाने पर थानेदार होंगे सस्पेंड : एसएसपी
धनबाद. जिन थाना क्षेत्र में एसओजी टीम की ओर से कोयला और शराब पकड़ी जायेगी, वहां के थानेदार को सस्पेंड कर दिया जायेगा. गुरुवार को जिला पुलिस की क्राइम मीटिंग में एसएसपी किशोर कौशल ने इसे लेकर कड़ी हिदायत दी. क्राइम मीटिंग में एसएसपी खासा नाराज दिखे. उन्होंने कई थानेदारों को मालखाना का काम पूरा नहीं होने पर फटकार भी लगायी. केस का डिस्पोजल व फरारी की गिरफ्तारी के लिए भी थानेदारों को फटकारा. जोगता थाना प्रभारी पर एसएसपी साहब कुछ ज्यादा ही गरम रहे.
क्राइम मीटिंग में पहली बार प्रोजेक्टर का इस्तेमाल: गुरुवार को हुई क्राइम मीटिंग में पहली बार प्रोजेक्टर का इस्तेमाल किया गया. मौके पर डीएसपी लॉ एंड ऑडर, डीएसपी वन, टू मौजूद रहे. सभी डीएसपी ने प्रोजेक्टर का इस्तेमाल कर अपने थाना क्षेत्र के क्राइम की जानकारी दी. हर थानेदार को बुलाकर उनके थाना में अब तक क्या हुआ है. इसकी जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से दी गयी. वहीं पुराने केस का डिस्पोजल व फरारी की गिरफ्तारी पर भी जोर दिया गया.

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