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राजनाथ ने डोकलाम पर चीन को चेताया, कहा-भारत की ओर आंख उठाने की किसी में हिम्मत नहीं

नयी दिल्ली : गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत एवं चीन के बीच डोकलाम में जारी गतिरोध का समाधान जल्द ही खोजा जाएगा और उन्होंने उम्मीद जतायी कि चीन इस संबंध में सकारात्मक कदम उठायेगा. राजनाथ सिंह ने यहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के एक समारोह में कहा, वह सभी पड़ोसी […]

नयी दिल्ली : गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत एवं चीन के बीच डोकलाम में जारी गतिरोध का समाधान जल्द ही खोजा जाएगा और उन्होंने उम्मीद जतायी कि चीन इस संबंध में सकारात्मक कदम उठायेगा. राजनाथ सिंह ने यहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के एक समारोह में कहा, वह सभी पड़ोसी देशों को यह संदेश देना चाहते हैं कि भारत शांति चाहता है. गृहमंत्री ने खुले तौर से चेतावनी देते हुए कहा कि ‘दुनिया में कौन सी ताकत है जो भारत की ओर आंखें उठाकर देखेगा. हमारे जवान में हिम्मती हैं, इनके रहते दुनिया की कोई ताकत आंखें नहीं उठा सकता है.’ उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि भारतीय सुरक्षा बल देश की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है. हमारे सुरक्षा बलों के पास भारतीय सीमाओं की रक्षा करने की पूरी ताकत है.

आइटीबीपी जम्मू कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक 4,057 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की रक्षा करता है. भारतीय बलों ने सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र में चीनी बलों को सड़क निर्माण करने से रोक दिया था, जिसके बाद से भारत एवं चीन के बीच वहां गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. चीन ने दावा किया है कि वह अपने क्षेत्र में सड़क का निर्माण कर रहा था. वह विवादित डोकलाम क्षेत्र से भारतीय बलों को वापस बुलाये जाने की मांग कर रहा है. भूटान का कहना है कि डोकलाम उसका हिस्सा है, लेकिन चीन इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है. डोकलाम से भारतीय बलों की तत्काल वापसी की मांग करते हुए चीन पिछले कुछ सप्ताह से भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहा है. खासकर चीनी सरकारी मीडिया ने कई लेखों में डोकलाम गतिरोध को लेकर भारत की निंदा की है.

गृहमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि हम अपने देश की सुरक्षा पर आंच नहीं आने देंगे. हालांकि, राजनाथ ने यह भी कहा कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. हम अपने सभी पड़ोसियों से अच्छे संबंध रखना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने शपथग्रहण समारोह में इसी कारण सभी पड़ोसियों को बुलाया था. उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस से भारत-चीन सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, मुझे लद्दाख जाने का मौका मिला था. वहां कड़ाके की ठंड पड़ती है. मैं सोच रहा था कि इतनी ठंड में सुबह-सुबह जवान मुझसे कैसे मिलेंगे.

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त को चीनी सैनिकों ने लद्दाख के पेंगोंग झील इलाके में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी. भारतीय जवानों ने जब उन्हें ऐसा करने से रोका तो दोनों तरफ से झड़प हो गई थी. उस दौरान वहां आइटीबीपी के अलावा सेना के जवान भी थे. मौके पर राजनाथ ने पूर्व प्रधामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विदेश नीति का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, हम वाजपेयीजी की विदेश नीति को मानते हैं, इसलिए पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते चाहते हैं और इसके लिए लगातार कोशिश में हैं.

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