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भारत को दो-दो विश्व कप दिलाने में गौतम गंभीर ने निभायी थी अहम भूमिका, कोटला में कल से खेलेंगे अंतिम मैच

भारत के सफलतम ओपनर बल्लेबाज रहे गंभीर ने क्रिकेट के सभी प्रारुपों से लिया संन्यास, कोटला में कल से खेलेंगे अंतिम मैच नयी दिल्ली : भारत के सबसे सफल सलामी बल्लेबाजों में से एक गौतम गंभीर ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की तथा दिल्ली और आंध्र के बीच […]

भारत के सफलतम ओपनर बल्लेबाज रहे गंभीर ने क्रिकेट के सभी प्रारुपों से लिया संन्यास, कोटला में कल से खेलेंगे अंतिम मैच
नयी दिल्ली : भारत के सबसे सफल सलामी बल्लेबाजों में से एक गौतम गंभीर ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की तथा दिल्ली और आंध्र के बीच छह दिसंबर से फिरोजशाह कोटला में होने वाला रणजी ट्रॉफी मैच उनके लगभग दो दशक तक चले चमकदार कैरियर का अंतिम मैच होगा. क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10,000 से अधिक रन बनाने वाले इस 37 वर्षीय बल्लेबाज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये वीडियो में खेल के सभी प्रारूपों को अलविदा कहने की घोषणा की. गंभीर ने कहा कि अपने देश के लिए 15 साल से भी अधिक समय तक क्रिकेट खेलने के बाद मैं इस खूबसूरत खेल को अलविदा कहना चाहता हूं.
उन्होंने कहा कि आंध्र के खिलाफ अगला रणजी ट्रॉफी मैच मेरा आखिरी मैच होगा. मेरे क्रिकेट सफर का अंत उसी फिरोजशाह कोटला मैदान पर होगा, जहां से इसकी शुरुआत हुई थी. बायें हाथ के इस बल्लेबाज को कभी हार नहीं मानने के अपने जज्बे के लिए जाना जाता था.
दो विश्व कप, दोनों के फाइनल में सर्वोच्च स्कोर भी सपने थे और मैंने केवल आपके लिए विश्व कप जीतने का सपना देखा था. मुझे लगता है कि कोई था जो मेरी पटकथा लिख रहा था, लेकिन अब उसकी स्याही खत्म हो गयी है. उन्होंने कहा : लेकिन इस बीच उसने कुछ आकर्षक अध्याय लिखे. इनमें दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम का हिस्सा बनना सबसे अहम है. मैं जिस ट्रॉफी को बड़े प्यार से निहारता हूं, वह 2009 में आइसीसी के वर्ष के टेस्ट बल्लेबाज के लिए मिली ट्रॉफी है.
राजनीतिक मसलों पर अपनी बेबाक टिप्पणियां करनेवाले गंभीर ने 197 प्रथम श्रेणी मैचों में 15041 रन बनाये. उन्होंने लिस्ट-ए में 10,077 रन बनाये.
गंभीर ने कहा : हर बार जब भी भारत या केकेआर या दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेल रहा था, इस विचार का कर्कश शोर मेरा पीछा करते हुए ड्रेसिंग रूम तक चला आता और चिल्लाता कि अब सफर खत्म हो चुका है गौती. उन्होंने कहा कि आइपीएल 2014 के दौरान यह विचार उन पर हावी हो गया था, जब वह टूर्नामेंट में लगातार तीन बार खाता नहीं खोल पाये. गंभीर ने कहा कि मैं अपना आत्मविश्वास जगाने की कोशिश कर रहा था. मैं अंधेरे में आत्मविश्वास ढूंढ रहा था, लेकिन वहां भी मुझे वह कर्कश शोर ही सुनाई देता, वही अब सफर खत्म हो चुका है गौती. गंभीर ने न्यूजीलैंड में सीरीज में जीत और ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज जीतने को अपने कैरियर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां बतायी.
उन्होंने कहा : लेकिन मुझे उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गयी वर्तमान भारतीय टीम हमारी उपलब्धियों को पीछे छोड़ने में सफल रहेगी. गंभीर ने अपने संदेश में भारतीय टीम, आइपीएल की टीमों केकेआर और दिल्ली डेयरडेविल्स तथा दिल्ली रणजी टीम के अपने साथियों के साथ-साथ अपने प्रशिक्षकों विशेषकर बचपन के अपने कोच संजय भारद्वाज, पार्थसारथी शर्मा और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज जस्टिन लैंगर का भी आभार व्यक्त किया.
भारत को दो-दो विश्व कप दिलाने में निभायी थी अहम भूमिका
भारत के सबसे सफल सलामी बल्लेबाजों में से एक गौतम गंभीर ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की तथा दिल्ली और आंध्र के बीच छह दिसंबर से फिरोजशाह कोटला में होने वाला रणजी ट्रॉफी मैच उनके लगभग दो दशक तक चले चमकदार कैरियर का अंतिम मैच होगा.
2007 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में 75 रन बनाये, मैच का सर्वोच्च स्कोरर रहे, भारत चैंपियन बना था
2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में 97 रन बनाये, भारत की ओर से सर्वोच्च स्कोर था और भारत चैंपियन बना
58 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और 41.95 की औसत से 4154 रन बनाये, जिसमें नौ शतक शामिल हैं.
147 वनडे इंटरनेशनल में 39.68 की औसत से 5238 रन बनाये. 11 शतकीय पारियां खेलीं.
37 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में सात अर्धशतकों की मदद से 932 रन बनाये, जिसमें औसत 27.41 का रहा
अप्रैल 2003 में ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे खेल कर अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत की थी
टेस्ट कैरियर की शुरुआत नवंबर, 2004 में मुंबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया
गंभीर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10000+ रन बनानेवाले 13वें भारतीय हैं
गंभीर ने 2008 से 2010 के बीच लगातार 11 टेस्ट में कम से कम एक अर्धशतक जरूर लगाये. विवियन रिचर्ड्स के रिकॉर्ड की बराबरी की
2009-2010 के दौरान लगातार पांच टेस्ट शतक लगाये. ऐसा करने वाले वे इकलौते भारतीय हैं
2009 में वे आइसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर भी पहुंचे व आइसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर की ट्रॉफी भी, जिसे वह अपने कैरियर की बड़ी उपलब्धि बताते हैं
आइपीएल में
गौतम गंभीर ने आइपीएल) में कोलकाता नाइटराइडर्स की कप्तानी भी की व केकेआर को दो बार 2012 और 2014 में चैंपियन भी बनाया.

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