35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार का बंगाल कनेक्शन, ममता की एक सलाह और बदल गया चुनावी गणित

कोलकाता : उत्तर प्रदेश में हुए उप चुनाव के नतीजे बुधवार को आये, जिसमें भाजपा को दोनों लोकसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा. लेकिन यह करिश्मा यूं ही नहीं हुआ. इसके पीछे थी एक सटीक चुनावी सलाह. उत्तर प्रदेश में सिर्फ दो सीटों के उपचुनाव नतीजों ने विपक्ष की सियासी उम्मीदों को पंख […]

कोलकाता : उत्तर प्रदेश में हुए उप चुनाव के नतीजे बुधवार को आये, जिसमें भाजपा को दोनों लोकसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा. लेकिन यह करिश्मा यूं ही नहीं हुआ. इसके पीछे थी एक सटीक चुनावी सलाह. उत्तर प्रदेश में सिर्फ दो सीटों के उपचुनाव नतीजों ने विपक्ष की सियासी उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं. गोरखपुर और फूलपुर दोनों लोकसभा सीटें, जो भाजपा ने वर्ष 2014 में कई लाख के अंतर से जीती थी, उन्हें उपचुनाव में हार गयी. इन दोनों सीटों पर भाजपा की हार के पीछे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का सियासी तालमेल है.

जहां एक तरफ चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव ने खुद जाकर मायावती को चुनाव में समर्थन के लिए धन्यवाद कहा, तो वहीं लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के सामने मायावती और अखिलेश यादव की तस्वीर एक ही पोस्टर पर दिखायी दी. इस सब करिश्मे के पीछे एक सलाह है, जो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी थी. जी हां, ममता बनर्जी ने बंगाल में बैठे-बैठे उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.

ममता की एक सलाह सबसे बड़े सूबे में भाजपा के लिए सिरदर्द का कारण बन गयी है. इससे उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां भाजपा की तूती बोलती है, वहां से पूरे देश के लिए यह संकेत गया कि अगर भाजपा के विरोधी दल एकजुट होते हैं, तो भाजपा 2019 में सत्ता का मुंह नहीं देख सकती है. यह संदेश एकमात्र ममता बनर्जी ने बंगाल में रहते हुए दिया. उनकी एक सलाह ने पूरे देश में विरोधियों के लिए संजीवनी का काम किया. पूरे देश में भाजपा की हार को बंगाल कनेक्शन से जोड़कर देखा जा रहा है.

बसपा से गठबंधन करने की सलाह

पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा के शासन में समाजवादी पार्टी की ओर से लगातार मत्स्य मंत्री रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा के अनुसार, ममता बनर्जी ने ही सबसे पहले अखिलेश यादव को ये सुझाव दिया था कि उन्हें मायावती से चुनाव पूर्व गठबंधन कर लेना चाहिए. ममता बनर्जी का अखिलेश शुरू से ही सम्मान करते आ रहे हैं. उनका सुझाव मिलते ही उन्होंने उसे अमल में ला दिया. इस सुझाव का असर बहुत अच्छा रहा और ये पता चल गया कि 2019 के लिए भाजपा अपराजय नहीं है.

काम आयी सलाह : नंदा

किरणमय नंदा ने बताया कि 2 दिसंबर 2017 को अखिलेश जी और मैं उनसे मिलने गये थे. उन्होंने हमें मायावतीजी के साथ सीटें साझा करने की सलाह दी थी. हिचक के बाद हमने कहा कि हम इस पर चर्चा करके फैसला करेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें