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चीन को हिलाना क्यों ट्रंप के लिए भी आसान नहीं

<figure> <img alt="चीन" src="https://c.files.bbci.co.uk/E70C/production/_107884195_gettyimages-463952779.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>चीन में माओत्से तुंग के बाद वहां आर्थिक क्रांति लाने का श्रेय डांग श्याओपिंग को दिया जाता है.</figcaption> </figure><p>अमरीका से जारी ट्रेड वॉर के बीच चीन की अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पिछले 30 सालों में दूसरी तिमाही में सबसे धीमी हो गई है. लेकिन भारत और चीन […]

<figure> <img alt="चीन" src="https://c.files.bbci.co.uk/E70C/production/_107884195_gettyimages-463952779.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>चीन में माओत्से तुंग के बाद वहां आर्थिक क्रांति लाने का श्रेय डांग श्याओपिंग को दिया जाता है.</figcaption> </figure><p>अमरीका से जारी ट्रेड वॉर के बीच चीन की अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पिछले 30 सालों में दूसरी तिमाही में सबसे धीमी हो गई है. लेकिन भारत और चीन के साथ उनकी बड़ी आबादी इस मामले में उनके हक़ में जाती है कि बेशुमार घरेलू उपभोग के कारण गहरी मंदी जैसी स्थिति नहीं आती है. </p><p>हालांकि चीन अपनी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सिर्फ़ घरेलू इस्तेमाल पर निर्भर नहीं होने देना चाहता. ऐसे में चीन कोशिश कर रहा है कि अमरीका से ट्रेड वॉर ख़त्म हो. </p><p>चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (एनबीएस) ने सोमवार को कहा कि साल दर साल उसकी अर्थव्यवस्था 6.2 फ़ीसदी की दर से बढ़ रही है. एनबीएस ने 1992 से जीडीपी का डेटा जारी कर रहा है और विश्लेषकों का कहना है कि यह 1992 के बाद से सबसे धीमी रफ़्तार है. </p><p>चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पहली तिमाही में 6.4 फ़ीसदी थी और 2018 मे पूरे साल 6.6 फ़ीसदी थी. एनबीएस के प्रवक्ता माओ शेंग्योंग ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि टैक्स में कटौती से चीन की घरेलू अर्थव्यवस्था पूरे साल दुरुस्त रही थी लेकिन ट्रेड के मोर्चे पर समस्या के कारण वृद्धि दर प्रभावित हुई है. </p><p>माओ शेंग्योंग ने कहा, ”चीन की आर्थिक वृद्धि घरेलू मांग पर और उपभोग पर ज़्यादा निर्भर करती है.”</p><p>आंकड़े जारी होने के बाद सीएसआई 300 का सूचकांक शंघाई और शिंज़ियान में अधिसूचित शेयर में 0.9 फ़ीसदी की गिरावट आई.” </p><figure> <img alt="डांग श्याओपिंग" src="https://c.files.bbci.co.uk/1352C/production/_107884197_gettyimages-515575018.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>डांग श्याओपिंग</figcaption> </figure><p>अमरीका से जारी ट्रेड वॉर के कारण चीन की अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मोर्च पर कई समस्याओं से जूझ रही है. दोनों देश एक दूसरे के उत्पादों के निर्यात पर अपने-अपने यहां भारी टैक्स लगा रहे हैं. इस मुद्दे पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच जी20 बैठक में जापान के ओसाका शहर में बात हुई थी. </p><p>दूसरी तिमाही में जीडीपी में आई कमज़ोरी मुख्य रूप से जून महीने में चीनी निर्यात में आई कमी के कारण है. इसके साथ ही हाउसिंग कंस्ट्रक्शन और निवेश में आई गिरावट के कारण भी दूसरी तिमाही में यह कमज़ोरी आई है. कैपिटल इकॉमिक्स के अर्थशास्त्री जूलियन इवांस-प्रिचार्ड ने फ़ाइनैंशियल टाइम्स से कहा है कि आने वाले वक़्त में यह कमज़ोरी और दिख सकती है. </p><p>मैथ्युज एशिया में निवेश विशेषज्ञ एंडी रोथामन का कहना है, ”घरेलू वृद्धि दर उम्मीद से कहीं ज़्यादा है. इसलिए खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. चीनी उपभोक्ताओं में ट्रंप के साथ तनाव को लेकर कोई भगदड़ की स्थिति नहीं है.” </p><figure> <img alt="ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/1834C/production/_107884199_65d9edec-46f1-4a88-b4a5-268ff51ef7fb.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>डांग श्याओपिंग</h3><p>चीन में माओत्से तुंग के बाद वहां आर्थिक क्रांति लाने का श्रेय डांग श्याओपिंग को दिया जाता है.</p><p>श्याओपिंग ने 1978 में जिस आर्थिक क्रांति की शुरुआत की थी उसके 2018 में 40 साल हो गए हैं. डांग श्याओपिंग इसे चीन की दूसरी क्रांति कहते थे.</p><p>इस आर्थिक सुधार के बाद ही चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मज़बूत दस्तक दी.</p><p>आज की तारीख़ में चीन दुनिया का वो देश है जिसके पास सबसे ज़्यादा विदेशी मुद्रा भंडार (3.12 ट्रिलियन डॉलर) है.</p><p>जीडीपी (11 ट्रिलियन डॉलर) के आकार के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने में चीन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है.</p><p>डांग श्याओपिंग ने जब आर्थिक सुधारों को 1978 में शुरू किया था तो चीन का दुनिया की अर्थव्यवस्था में हिस्सा महज़ 1.8 फ़ीसदी था जो 2017 में 18.2 फ़ीसदी हो गया.</p><p>चीन अब न केवल एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है बल्कि वो अपने अतीत की उस ताक़त की ओर बढ़ रहा है जब 15वीं और 16वीं शताब्दी में दुनिया की अर्थव्यवस्था में उसका हिस्सा 30 फ़ीसदी के आसपास होता था.</p><figure> <img alt="ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/0E54/production/_107886630_531af68a-dcde-45c7-9d81-e235280b785d.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चीन को ताक़तवर बनाने में तीन नेताओं का नाम लिया जाता है- माओत्से तुंग, डांग श्याओपिंग और वर्तमान नेता शी जिनपिंग. श्याओपिंग की आर्थिक क्रांति के 40 साल बाद एक बार फिर से चीन शी जिनपिंग जैसे मज़बूत नेता की अगुआई में आगे बढ़ रहा है.</p><p>शी जिनपिंग चीन की अर्थव्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए मैन्युफ़ैक्चरिंग के मामले में सुपरपावर बनाना चाहते हैं. इसके लिए शी जिनपिंग डांग श्याओपिंग की नीतियों को ही आगे बढ़ा रहे हैं, जिनमें अर्थव्यवस्था को खोलना और आर्थिक सुधार जैसे क़दम शामिल हैं.</p><p>चीन की आर्थिक सफलता का जो मॉडल है और वहां जो कम्युनिस्ट राजनीति है उसके बीच टकराव की भी स्थिति बनी.</p><p>आख़िर चीन की अर्थव्यवस्था में ज़बर्दस्त उछाल के लिए सरकारी योजनाओं और निजी उद्यमियों के अलावा मुक्त बाज़ार में से किसको कितना श्रेय मिलना चाहिए?</p><p>शी जिनपिंग के हाथों में चीन पूरी राजनीतिक शक्ति है ऐसे में एक सवाल ये भी उठता है कि यहां के नेता अर्थव्यवस्था को किस हद तक नियंत्रण में रखना चाहते हैं?</p><figure> <img alt="अमरीका" src="https://c.files.bbci.co.uk/5C74/production/_107886632_0cfdb532-74e9-453f-8e49-1a03e5be5daa.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>डांग और चीनी अर्थव्यवस्था का कायापलट</h3><p>चीन के उभार की कहानी महज़ दूसरे विश्व युद्ध के बाद एक देश के विकास की कहानी नहीं है बल्कि यह कहानी एक नियंत्रित अर्थव्यवस्था से मुक्त और मार्केट अर्थव्यवस्था में तब्दीली की है.</p><p>दुनिया के कई देशों ने चीन में इस बदलाव को अपनाया, लेकिन इसमें सिलसिलेवार तरीक़े से सफलता पाने के मामले में पोस्टर ब्वॉय चीन ही बना.</p><p>चीन ने घरेलू अर्थव्यवस्था में क्रमिक सुधार की प्रक्रिया शुरू की थी न कि उसे बाज़ार के भरोसे छोड़ दिया था. चीन अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए पहले इस बात को तय किया कि कहां विदेशी निवेश लगाना है और कहां नहीं.</p><p>इसके लिए उसने विशेष आर्थिक क्षेत्र का निर्माण किया. विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए चीन ने दक्षिणी तटीय प्रांतों को चुना.</p><p>डांग श्याओपिंग ने कम्युनिस्ट समाजवादी राजनीतिक माहौल में ठोस बदलाव की नींव रखी. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले सोवियत आर्थिक मॉडल के केंचुल को उतार फेंका और फिर चीन की अर्थव्यवस्था में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को चीन की ज़रूरतों और ताना बाना के हिसाब से समाजवाद के साथ शुरू किया.</p><p>चीनी लेखक यूकोन हुआंग ने अपनी किताब क्रैकिंग द चाइना कनन्ड्रम: व्हाई कन्वेन्शनल इकनॉमिक विजडम इज रॉन्ग में लिखा है, ”डांग न केवल एक महान सुधारक थे बल्कि वो बेसब्र भी थे.”</p><figure> <img alt="ट्रेड वॉर" src="https://c.files.bbci.co.uk/8384/production/_107886633_945db2b6-ea05-4456-b2da-bdb6c78b69da.jpg" height="620" width="624" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>डांग ने जो सामाजिक आर्थिक सुधार शुरू किया था उसकी मिसाल मानवीय इतिहास में नहीं मिलती है. चीन की जीडीपी 1978 से 2016 के बीच 3,230 फ़ीसदी बढ़ी.</p><p>इसी दौरान 70 करोड़ लोगों को ग़रीबी रेखा से ऊपर लाया गया और 38.5 करोड़ लोग मध्य वर्ग में शामिल हुए.</p><p>चीन का विदेशी व्यापार 17,500 फ़ीसदी बढ़ा और 2015 तक चीन विदेशी व्यापार में दुनिया की अगुवा बनकर सामने आया. 1978 में चीन ने पूरे साल जितने व्यापार किया था अब वो उतना महज़ दो दिनों में करता है.</p><p>चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के सामूहिक नेतृत्व के सहारे डांग ने चीन में समाजिक आर्थिक बदलाव की तेज़ प्रक्रिया शुरू की. 1960 और 70 के दशक में कई झटकों के बाद डांग माओ की शैली को लेकर सतर्क थे.</p><p>अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर डांग कुछ सिद्धांतों के साथ चलते थे. वो ख़ुद को लो प्रोफ़ाइल रखते थे. डांग का ध्यान पूरी तरह से चीनी अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने पर था.</p><p>हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में सोशल साइंस के प्रोफ़ेसर रहे एज़रा वोजेल ने डांग श्याओपिंग की जीवनी लिखी है. उन्होंने डांग को ऐसा महान नेता बताया है जो हर तरह की उठापटक को रोक स्थायित्व लाने की क्षमता रखता है.</p><p>चीन में आर्थिक कायापलट से न केवल चीनी नागरिकों के बीच आर्थिक संपन्नता आई बल्कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सत्ता पर पकड़ और मज़बूत हुई. डांग के आर्थिक उदारीकरण को चीन में राजनीतिक उदारीकरण भी कहा गया.</p><figure> <img alt="ट्रेड वॉर" src="https://c.files.bbci.co.uk/AA94/production/_107886634_f26c0010-e651-48f3-b430-42dd2001b4aa.jpg" height="604" width="624" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>शी जिनपिंग और नए तेवर का चीन</h3><p>डांग श्याओपिंग अक्सर टु-कैट थिअरी को कोट किया करते थे- जब तक बिल्ली चूहे को पकड़ती है तब तक कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है कि वो सफ़ेद है या काली.</p><p>इसी की तर्ज पर शी जिनपिंग ने चीनी तेवर में आद्योगिक विकास का प्रस्ताव रखा. इसके लिए शी जिनपिंग ने ‘टु-बर्ड थिअर’ दी. 2014 में 12वीं नेशनल कांग्रेस को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग ने कहा था कि पिंजरे को खोलने की ज़रूरत है और उसमें बूढ़े पक्षियों (आख़िरी सांस ले रहे औद्योगिक संस्थान) को क़ैद करने की ज़रूरत है.</p><p>शी जिनपिंग ने कहा था कि इसी प्रक्रिया के तहत चीन निर्वाण तक पहुंचेगा. इन निर्वाण की प्रक्रिया में शी जिनपिंग का ज़ोर मौलिक तकनीक और पर्यावरण की रक्षा के साथ विकास पर रहा.</p><p>चीन में अब यह भी सवाल उठ रहा है कि कौन चीन का दूसरा नायक कौन बनेगा. पिछले साल मार्च में नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा ख़त्म कर दी थी.</p><p>इसके साथ ही चीन में समाजवाद पर शी जिनपिंग थॉट की शुरुआत हुई और इसे चीन का नया युग कहा जा रहा है.</p><figure> <img alt="ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/D1A4/production/_107886635_b1d6f5dc-4855-47ab-a5d3-c5bb729dd286.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर जिस शख़्स का नियंत्रण होता है उसी का नियंत्रण वहां की सारी ताक़तों पर होता है. शी जिनपिंग के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी में अपने विरोधियों को पूरी तरह से बेदख़ल कर दिया है.</p><p>शी जिनपिंग ने सरकारी उद्योगों पर शिकंजा कसा. मिसाल के तौर पर कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण से सरकारी कंपनियों को दूर किया और पूरी तरह से प्रबंधन के हाथों में यह ज़िम्मेदारी दी. शी के कार्यकाल में एनजीओ पर भी शिकंजा कसा गया. कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया.</p><p>कई लोगों का मानना था कि शी जिनपिंग अपने पिता की तरह उदार तासीर के होंगे. शी के पिता शी चोंगशुन 1978 में ग्वांगदोंग प्रांत के गर्वनर थे. वो डांग श्याओपिंग की आर्थिक क्रांति के अगुआ भी थे.</p><p>दिसंबर 2012 की शुरुआत में शी जिनपिंग ने पहला आधिकारिक दौरा ग्वांगदोंग में शेनचेन का किया था. इस दौरे से उन्होंने संदेश देने की कोशिश की थी कि डांग से सुधारों में कोई रुकावट नहीं आएगी. पिछले पांच सालों में शी ने ऐसा कर दिखाया भी है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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