32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Uttarakhand Disaster Updates : हिमालय में दोगुनी तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर, भारत समेत कई देशों पर मंडरा रहा खतरा

Uttarakhand Disaster Updates, Glacier, Himalayas, threat to many countries including India उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक ग्लेशियर टूट जाने से धौली गंगा नदी में आयी बाढ़ में सैकड़ों की जान जाने की आशंका है. हादसे में अब तक 7 शव बरामद कर लिये गये हैं. जबकि 16 लोगों को बचाया जा सका है.

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक ग्लेशियर टूट जाने से धौली गंगा नदी में आयी बाढ़ में सैकड़ों की जान जाने की आशंका है. हादसे में अब तक 7 शव बरामद कर लिये गये हैं. जबकि 16 लोगों को बचाया जा सका है.

इधर उत्तराखंड में आयी तबाही के बाद एक बार फिर से हिमालय में ग्लेशियर के पिघलने की चर्चा तेज हो गयी है. वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान में वृद्धि के कारण 21वीं सदी की शुरुआत के बाद से ही हिमालय के हिमखंड (ग्लेशियर) दोगुनी तेजी से पिघल रहे हैं.

ग्लेशियर पिघलने से भारत समेत विभिन्न देशों के करोड़ों लोगों को जलापूर्ति प्रभावित होने का सामना करना पड़ सकता है. वर्ष 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई थी. अध्ययनकर्ताओं ने कहा था कि भारत, चीन, नेपाल और भूटान में 40 वर्षों के दौरान की सेटेलाइट तस्वीरों के अध्ययन में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन के चलते हिमालयी हिमखंड समाप्त हो रहे हैं.

साइंस एडवांस जर्नल में जून 2019 में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, हिमालय के हिमखंड वर्ष 2000 के बाद से वर्ष 1975 से 2000 की तुलना में दोगुना अधिक तेजी से पिघल रहे हैं. अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में शोध उम्मीदवार जोशुआ मोरेर ने कहा, यह तस्वीर बिल्कुल स्पष्ट है कि इस समयावधि में कितनी तेजी से और क्यों हिमलाय के हिमखंड पिघल रहे हैं? मोरेर ने कहा, हालांकि, अध्ययन में यह सटीक गणना नहीं की गई है लेकिन पिछले चार दशकों में हिमखंडों ने अपने विशाल द्रव्यमान का एक चौथाई हिस्सा खो दिया है.

Also Read: Uttarakhand Chamoli Dhauliganga Flood LIVE : उत्तराखंड तबाही में 120 लोग लापता, 7 शव बरामद, 16 बचाये गये, त्रिवेंद्र और मोदी सरकार ने की मुआवजे की घोषणा

अध्ययन के दौरान पूरे क्षेत्र की शुरुआती दौर की सेटेलाइट तस्वीरों और वर्तमान तस्वीरों का फर्क देखा गया. अध्ययनकर्ताओं ने बढ़ते तापमान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अलग-अलग स्थान का तापमान भिन्न हैं, लेकिन यह वर्ष 1975 से 2000 की तुलना में वर्ष 2000 से 2016 के बीच औसतन एक डिग्री अधिक पाया गया है.

Posted By – Arbind kumar mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें