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Corona Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित हैं बच्चे, डॉ. वीके पॉल ने कहा- असर का कोई आंकडा नहीं, जानिए दूसरे एक्सपर्ट की क्या है राय

Third Wave of Coronavirus, Is Harmful for Kids: कोरोना वायरस की तीसरी लहर का बच्चों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर... इस बात को पीएम की कोविड मैनेजमेंट टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक डॉ. वीके पॉल ने खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित होता है कि बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से खतरा है. Third Wave of Coronavirus is not Harmful for Children Covid 19 3rd Wave not affected Kids.

  • कोरोना की तीसरी लहर से बच्‍चों को ज्‍यादा खतरा नहीं

  • बच्चों को तीसरी लहर से खतरा के कोई सबूत नहीं- डॉ. पॉल

  • बच्चों पर असर का कोई आंकडा नहीं

Third Wave of Corona virus, is Harmful for Kids: कोरोना वायरस की तीसरी लहर का बच्चों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर… इस बात को पीएम की कोविड मैनेजमेंट टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक डॉ. वीके पॉल ने खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित होता है कि बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से खतरा है. उन्होंने कहा वैक्सीन के दोनों डोज लगा चुके बच्चों के माता पिता से ही उनकी कोरोना से रक्षा हो जाएगी.

एक्सपर्ट्स तीसरी लहर से बच्चों के प्रभावित होने की जता रहे हैं आशंकाः गौरतलब है कि कई एक्सपर्ट कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना जता रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग प्रभावित हुए हैं. ऐसे में तीसरी लहर से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है. राजस्थान और गुजरात जैसे शहरों में कई बच्चों में कोरोना जैसे लक्षण मिलने के बाद इस बात को और बल मिल रहा है.

डॉ. वीके पॉल ने बच्चों में कोरोना फैलने की बात को किया खारिजः इधर, केन्द्र सरकार की कोरोना मैनेजमेंट टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक डॉ. वीके पॉल इस बात को खारिज किया है. उनका तर्क है कि बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से ज्यादा है खतरा इसका कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है. उनका कहना है कि पिछला डेटा पर गौर करें तो आंकड़े इसका समर्थन नहीं करते हैं.

पब्लिक हेल्‍थ एक्‍सपर्ट, डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने भी इस बात को खारिज किया है. उनका कहना है कि डेटा देखें तो पता चलता है कि पहली और दूसरी लहर में जितने भी लोग अस्‍पताल में भर्ती हुए, उनमें 0 से18 के उम्र वाले 2.5 फीसदी ही थे. जबकि आबादी में इस उम्र के बच्चों की आबादी में करीब 40 फीसदी है.

इस बारे में डॉ. गुलेरिया का क्या कहना हैः बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से कितना खतरा है. इस बात को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (AIIMS) के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना वायरस एक विशेष किस्म के प्रोटीन की बदौलत व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है, वह प्रोटीन वयस्कों में तो काफी होता है लेकिन बच्चों के शरीर में उसकी मात्रा काफी कम होती है. ऐसे में कोरोना की तीसरी अगर आती भी है तो अभिभावकों को बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. हालांकि, सभी एक्सपर्ट ने पूरी सावधानी बरते ही सलाह जरूर दी है.

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Posted by: Pritish Sahay

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