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शबनम की जुदाई और जेल की तनहाई से शायर बना सलीम, नैनी जेल से लगा रहा अपनी प्रेमिका माफी की गुहार

Shabnam Amroha Hanging Case | Saleem And Shabnam In Jail Latest Update शबनम की फांसी के मामले में अब डेथ वारंट का इंतजार हो रहा है. उसे रामपुर से बरेली जेल में शिफ्ट किया गया. शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है. पर जैसे जैसे शबनम की फांसी करीब आती जा रही है, बावनखेड़ी हत्याकांड का दोषी और शबनम का प्रेमी सलीम अपनी प्रेमिका को बचाने के लिए दुआ मांग रहा है. शबनम की जुदाई में अब वह शायर बन गया है.

  • प्रेमिका शबनम की याद में शायर बना सलीम

  • नैनी जेल के तन्हाई बैरक में बंद है सलीम

  • बावनखेड़ी हत्याकांड में शबनम और सलीम को मिली है फांसी की सजा

शबनम की फांसी के मामले में अब डेथ वारंट का इंतजार हो रहा है. उसे रामपुर से बरेली जेल में शिफ्ट किया गया. शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है. पर जैसे जैसे शबनम की फांसी करीब आती जा रही है, बावनखेड़ी हत्याकांड का दोषी और शबनम का प्रेमी सलीम अपनी प्रेमिका को बचाने के लिए दुआ मांग रहा है. शबनम की जुदाई में अब वह शायर बन गया है.

सलीम फिलहाल प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. डेथ वारंट जारी होने पर सलीम को इसी जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा. उसे वहां तन्हाई बैरक में रखा गया है. बताया जा रहा है कि शबनम की जुदाई और जेल की तन्हाई ने सलीम को शायर बना दिया है. इतना नहीं पांचवी पास सलीम अब पढ़ाई लिखाई भी करने लगा है. बता दें की फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद बावनखेड़ी हत्याकांड के दोषी सलीम को बरेली जेल में शिफ्ट किया गया था. पर वहां पर आचरण ठीक नहीं होने के कारण उसके साथ सख्ती बरती गयी थी.

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पर साल 2018 में भी प्रशासनिक कारणों से सलीम को बरेली के नैनी जेल में शिफ्ट किया गया था. इसी बीच सलीम की दया याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. फांसी की सजा तय होने से पहले ही उसे तन्हाई बैरक में बंद कर दिया गया. तन्हाई बैरक में सलीम अब पांचों वक्त नमाज अदा करता है. प्रेमिका को बचाने के लिए दुआ मांगता है. जेल में वो पढ़ना लिखना भी सीख गया है और जेल में ही कविता और शायरी लिखता है. उर्दू के लफ्जों के इस्तेमाल वाले शेरों को वो हिन्दी में कागज पर लिखता है. पिछले दो सालों में उसने तकरीबन दर्जन भर कविताएं भी लिखी हैं. हालांकि इन कविताओं में तुकबंदी ही ज़्यादा है.

जेल के दूसरे बंदियों के मुताबिक शबनम की याद में उसने ढेरों शायरियां भी लिखी है. यहां वो खुद की जिंदगी से ज्यादा शबनम की जिंदगी को लेकर परेशान रहता है. साथ ही उसके बारे में सबकुछ जानना चाहता है. वह शबनम से मिलने के लिए तड़पता है. साथ ही अखबार और मैग्जीन में छपी शबनम की तस्वीरों को संभालकर रखता है. गौरतलब है कि अपने ही परिवार के 10 सदस्यों की निर्मम हत्या करने के मामले में शबनम और सलीम को अमरोहा की सेशन कोर्ट ने एक जून 2009 को सलीम और शबनम को फांसी की सजा सुनाई थी.

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Posted By: Pawan Singh

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