जम्मू-कश्मीर के पुंछ में कल यानी गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में पांच जवानों के शहीद होने के बाद बाटा-डोरिया क्षेत्र के एक जंगल में सुरक्षा बलों ने बड़ा तलाश अभियान शुरू किया है. अधिकारियों ने बताया कि पूरे इलाके को घेर लिया गया है और आतंकवादियों को खोजने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है. उन्होंने बताया कि सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है तथा नियंत्रण रेखा के पास कड़ी सतर्कता बरती जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी हमले के बाद भीम्बर गली-पुंछ मार्ग पर यातायात रोक दिया गया है और लोगों को मेंढर के रास्ते पुंछ जाने की सलाह दी गई है.
आतंकी हमले की एनआईए जांच: जम्मू कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले की जांच अब एनआईए करेगी. बता दें, इस हमले में आतंकियों ने करीब 50 राउंड फायरिंग की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों ने जिन गोलियों का इस्तेमाल किया था वो मेड इन चाइना थी. आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश समर्थित पीएएफएफ (PAFF) यानी पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने ली है. बता दें, जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ के बीच सेना का वाहन हाईवे से गुजर रहा था, इसी दौरान वाहन पर आतंकवादियों ने पहले गोलीबारी की, फिर ग्रेनेड से हमला कर दिया.
पीओके के जरिए हो सकती है घुसपैठ: पुंछ में हुए बड़ा आतंकी हमले के बाद पीएएफएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली है. पीएएफएफ जैश समर्थित आतंकी संगठन है. मीडिया रिपोर्ट में अभी तक यह सामने आया है कि हमले की साजिश लश्कर और जैश ने रची थी. पुंछ हमला का मास्टरमांइड यही दोनों आतंकी संगठन के होने की बात सामने आ रही है. सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि पीओके का रास्ते बड़ी घुसपैठ की पाकिस्तान तैयारी कर रहा है.
गौरतलब है कि आतंकियों के हमले में शहीद हुए जवान नागरोटा में तैनात सेना की 16वीं कोर सैनिक थे. शहीदों में हवलदार मंदीप सिंह, लांस नायक देबाशीष बस्वाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सेवक सिंह के नाम हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वह बहादुर सैनिकों की शहादत से दुखी हैं. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, राष्ट्र के लिए उनकी सेवा को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.
भाषा इनपुट के साथ