Manipur violence: मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गयी. इसके बाद वहां की स्थिति तनावपूर्ण है. स्थिति नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है. सेना के एक प्रवक्ता की ओर से उक्त जानकारी दी गयी है. इधर मणिपुर के हालात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से बात की है और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि मणिपुर में हिंसा के बाद अब तक 4,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया है. और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. रात में सेना और असम राइफल्स की मांग की गयी थी और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया. उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है.
पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ जिलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं. मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा आहूत ‘आदिवासी एकता मार्च’ में हिंसा भड़क गई थी.
असम रायफल्स के जवान तैनात
गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से राज्य में हुई हिंसा पर बातचीत की, केन्द्र वहां हालात पर नजर रख रहा है. इस संबंध में एक अधिकारी ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा से निपटने के लिए सेना, असम रायफल्स के जवानों को तैनात किया गया. हिंसा प्रभावित राज्य में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल के जवानों को वायु सेना के विशेष विमान से मणिपुर भेजा गया.
मैरी कॉम ने पीएम मोदी से मांगी मदद
भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है. मैरी कॉम ने देर रात करीब पौने तीन बजे अपने ट्विटर वॉल पर लि कि मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है. कृपया मदद कीजिए... उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए मणिपुर में आगजनी की फोटो शेयर की हैं.
मणिपुर हिंसा पर बॉक्सर और पूर्व राज्यसभा सांसद मैरी कॉम ने कहा कि अभी स्थिति बहुत बुरी है और मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं. मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अपील
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि 24 घंटे के बाद से कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं. ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं. राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है.
बुधवार को हिंसा भड़क गयी
आपको बता दें कि इंफाल घाटी में वर्चस्व रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाये गये ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गयी.
मार्च में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मार्च में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया, जिसके दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़पें हुईं. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई बार आंसू गैस के गोले छोड़े. उन्होंने बताया कि उत्तेजित युवकों को इंफाल पश्चिम जिले के कांचीपुर और घाटी में पूर्वी इंफाल के सोइबाम लीकाई इलाकों में इकट्ठा होते देखा गया.
उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर जिलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया. अधिकारी ने बताया कि पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं पांच दिन के लिए निलंबित कर दी गईं हैं.
भाषा इनपुट के साथ