Amarnath Cave Cloud Burst: जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ यात्रा मार्ग में बादल फटने से कम से कम 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी. शुक्रवार की शाम करीब 5:30 बजे अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा और उसका पानी नीचे तेजी से गया, जिससे 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बादल फटने की घटना और श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की और स्थिति की जानकारी ली. प्रधानमंत्री ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.
10 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि
एनडीआरएफ के डीजी अरुल करवाल ने अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने बताया गया है कि 3 लोगों को बचा लिया गया है. उन्होंने बताया कि पवित्र गुफा के पास एनडीआरएफ की एक टीम लगातार मुस्तैद रहती है. उन्होंने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया. एक और टीम को वहां तैनात किया गया है. पहलगाम के ज्वाइंट पुलिस कंट्रोल रूम (Joint Police Control Room Pahalgam) ने कहा है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुट गयी हैं.
अमरनाथ गुफा के ऊपरी हिस्से से नीचे आया पानी
बताया गया है कि भारी बारिश की वजह से गुफा के ऊपरी हिस्से से पानी नीचे की ओर आया. अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के आसपास चल रहे लंगर प्रभावित हुए हैं. घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए चॉपर को भेजा गया है. बुधवार (6 जुलाई) को अधिकारियों ने कहा था कि मौसम ठीक होने पर 8 जुलाई से फिर से यात्रा शुरू की जायेगी. बारिश अब थम चुकी है.
इससे पहले, बालताल और पहलगाम दोनों मार्ग में खराब मौसम की वजह से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी गयी थी. जम्मू से कश्मीर घाटी की ओर श्रद्धालुओं की यात्रा भी रोक दी गयी थी. इससे पहले, रामबन जिले (Ramban District) कई जगहों पर हुई भारी बारिश के बाद भू-स्खलन (Land Slide) की घटनाएं हुईं. इसके बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि राजमार्ग पर सैकड़ों वाहन फंसे हैं, जिनमें अमरनाथ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं के वाहन भी शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला 270 किलोमीटर लंबा राजमार्ग रामबन जिले में 6 जगहों पर पत्थर गिरने, भू-स्खलन और मिट्टी धंसने के कारण अवरुद्ध हो गया है.