एक तरफ हमारे सैनिक सीमा पर संघर्ष कर रहे हैं तो दूसरी तरफ रेलवे से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल एक वायरस की मदद से भारतीय रेलवे से जुड़ी जानकारियां और गतिविधियां चुराने की कोशिश की जा रही. ये जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से सामने आई है.
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट इस की मालवेयर हमला की जानकारी सामने और इसी वजह से रेलवे के इंजीनियर इस तरह के हमले से निपटने के लिए लगातार कार्य करते रहते हैं. इसके लिए हम सभी जरूरी सावधानियां बरतते रहते हैं और इस तरह से डेटा चोरी को रोकने के लिए फायरवॉल को अपडेट करते रहते हैं.
सूत्रों का यह भी कहना है कि चीन से सीमा पर विवाद की वजह से और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन लिमिटेड की एक कंपनी का ठेका रद्द करने से इस हमले की घटना के पीछे चीन का हाथ होने की अशंका जताई जा रही है. और एपीटी 36 के नाम से हुए साइबर हमले के पीछे पाकिस्तान के हाथ होने के संकेत मित रहे हैं जो कि हमेशा से ही चीन का करीबी माना जाता है.
सुरक्षा एजेंसियों ने रेलवे बोर्ड को ये सलाह दी है कि वो इंटरनेट से सभी सिस्टम को हटाकर पासवर्ड बदलने के लिए कहा है. इसके बाद सभी प्रभावित सिस्टम से डाटा का बैकअप लेने के बाद उन्हें फार्मेट करने को भी कहा गया है.
सूत्रों के हवाले से ये भी खबर सामने आई है कि उपरोक्त संभावित खतरा सिर्फ रेलवे में नहीं है बल्कि डिफेंस, केंद्रीय पुलिस संगठनों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेक्टर से जुड़े संस्थानों पर भी साइबर हमले का खतरा मंडराने लगा है. सुरक्षा एजेंसियों ने सभी संबंधित विभागों को कहा है कि सतर्क रह कर सभी जरूरी पासवार्ड बदल लें. ऐसा अलर्ट मिलने के बाद रेलवे के अधिकारी इस तरह के हमले से बचने के लिए काम में जुट चुके हैं.
सूत्रों की मानें तो एपीटी 36 मालवेयर ट्रेनों की आवाजाही समेत भारतीय रेलवे की अन्य जानकारियां देश के बाहर पहुंचाई जा रही है. यह नहीं एपीटी 36 डिफेंस से जुड़ी जानकारी भी देश से बाहर भेजने का काम कर रहा है. खतरे को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने संबंधित विभागों से सुरक्षित कंप्यूटरों से ईमेल करने, ऑनलाइन सेवाओं के पासवर्ड बदलने, प्रभावित कंप्यूटरों की हार्ड-डिस्क का बैकअप लेने और ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य सॉफ्टवेयर को फिर से स्थापित करने के लिए कहा है.
ये एक तरह का सोफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसके जरिये हैकर्स कंप्यूटर के माध्यम से पर्सनल डाटा चोरी करने के लिए डिजाइन करते हैं. मालवेयर आपकी निजी फाइलों तक पहुंचकर उन्हें दूसरे किसी डिवाइस में ट्रांसफर कर सकता है. इसके जरिए हैकर्स सूचनाएं, फोटो व वीडियो के साथ ही कई महत्वपूर्ण जानकारी चुरा सकते हैं. जो किसी भी बड़ नेटवर्क के बेहद खतरनाक होते हैं