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पेपरलेस हुआ सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री बोले : न सॉफ्टवेयर में, न हार्डवेयर में, लोगों की मानसिकता में बैठी है चुनौती

undefined प्रधानमंत्री मोदी ने किया एकीकृत मुकदमा प्रणाली का शुभारंभ नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश के प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट की एकीकृत मुकदमा प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत की. इस प्रणाली से वादियों को आंकड़े हासिल करने और ऑनलाइन सूचना हासिल करने में मदद मिलेगी तथा यह सुप्रीम […]

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प्रधानमंत्री मोदी ने किया एकीकृत मुकदमा प्रणाली का शुभारंभ

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश के प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट की एकीकृत मुकदमा प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत की. इस प्रणाली से वादियों को आंकड़े हासिल करने और ऑनलाइन सूचना हासिल करने में मदद मिलेगी तथा यह सुप्रीम कोर्ट में कागज रहित (पेपरलेस) काम की दिशा में एक अहम कदम होगा. इस मौके पर पीएम मोदी ने उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक कार्यक्रम में कहा कि कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में छुट्टियां कम करके जज केसों का निपटारा कर रहे हैं, यह सराहनीय है. पहले टेबल पर गुलदस्ता रहता था, अब कंप्यूटर रहता है. बड़े लोग अखबार पढ़ते हैं, लेकिन बच्चे मोबाइल में ही सब कुछ पढ़ लेते है.

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पीएम मोदी ने कहा कि चुनौती हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर में नहीं है, बल्कि लोगों की मानसिकता में है. तकनीक के जेनरेशन गैप को दूर करना एक बड़ी चुनौती है. तकनीक की ताकत अद्भुत है. इसे लेकर हमें मानसिकता बदलने की जरूरत है. मन बदले, मंतव्य बदले तभी बदलाव आयेगा. नोट को सुरक्षित रखने पर अरबों खर्च होता है. कागज वाली करेंसी का वक्त जाने वाला है. इसलिए डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करें और पैसे बचायें.

इस मौके पर भारत के प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि वह सभी 24 हाईकोर्ट और निचली अदालतों में एकीकृत प्रणाली शुरू करने का प्रस्ताव रखते है. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में पारदर्शिता आयेगी, हेरफेर कम होगा और वादी को वास्तविक समय में अपने मुकदमे की प्रगति के बारे में जानने में मदद मिलेगी. केंद्र और राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग को यह पता चल जायेगा कि क्या उन्हें मामले में पक्षकार बनाया गया और उन्हें इसी के अनुसार तैयारी करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि अदालत के शुल्क और प्रक्रिया शुल्क की गणना ऑनलाइन की जायेगी, जिससे वादी को इसमें आने वाली लागत का पता लग जायेगा. न्यायाधीश खेहर ने कहा कि इससे बार को मदद मिलेगी और उसका कार्यभार नहीं बढ़ेगा.

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