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9,000 करोड़ लेकर भागे माल्या को भारत लाने के लिए लंदन गयी सीबीआई, पिछले महीने ही किया गया था गिरफ्तार

नयी दिल्ली : भारतीय बैंकों के करीब नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर देश से फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए सीबीआई की टीम लंदन के लिए रवाना हो गयी है. बताया जा रहा है कि सीबीआई के निदेशक राकेश अस्थाना की अगुआई में यह टीम लंदन के […]

नयी दिल्ली : भारतीय बैंकों के करीब नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर देश से फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए सीबीआई की टीम लंदन के लिए रवाना हो गयी है. बताया जा रहा है कि सीबीआई के निदेशक राकेश अस्थाना की अगुआई में यह टीम लंदन के लिए रवाना हुई है. सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना की इस टीम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है. भारत सरकार की ओर से भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या को स्वदेश लाने की कोशिश की जा रही है. विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ से अधिक का कर्ज लेकर देश छोड़ने का आरोप है. कर्ज न लौटाने पर माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. माल्या वर्ष 2016 से ब्रिटेन में निवास कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि विजय माल्या को लंदन में पिछले महीने ही गिरफ्तार किया गया था, लेकिन साथ ही उन्हें सशर्त जमानत भी दे दी गयी थी. तभी सरकार की ओर से उन्हें भारत लाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है कि माल्या को भारत लाने की अपील पर स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दोनों देशों के बीच माल्या को लेकर एक समझौता भी किया गया है.

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विजय माल्या को भारत वापस लाना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. भारत ने ब्रिटेन से माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर कूटनीतिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया है. हालांकि, अभी यह मामला वहां की कोर्ट में है. फिर भी माल्या की गिरफ्तारी के बाद ब्रिटिश अदालतों में उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इसी सिलिसले भारत से सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के साथ एक टीम लंदन गयी है.

बताया यह भी जा रहा है कि विजय माल्या अपने प्रत्यर्पण को चुनौती दे सकते हैं. माल्या प्रत्यर्पण के आधार को राजनीति से प्रेरित करार दे बता सकते हैं और इसका विरोध कर सकते हैं. अपने प्रत्यर्पण को माल्या मानवाधिकार का उल्लंघन साबित करने की भी कोशिश कर सकते हैं.
ब्रिटेन के एक वकील ने बताया था कि 17 मई को ये केस अदालत के पास आयेगा. सुनवाई में जिला जज दोनों पक्षों से सबूत मांगने का आदेश दे सकते हैं. इसके लिए सुनवाई की तारीख तय की जा सकती है.

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