!!भुवनेश्वर से अंजनी कुमार सिंह!!
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन रविवार को पीएम मोदी ने पार्टी और सरकार के समक्ष ऊंची छलांग की चुनौती रखी. 2022 तक देश में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का लक्ष्य रखा, ताकि गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी और निर्धनता का नाश किया जा सके. उन्होंनेे कार्यकारिणी के सदस्यों को पी2 और जी2 का मंत्र दिया, जिसके सहारे आम जनता के और करीब आया जा सकता है. पी2 मतलब प्रो पीपुल और जी 2 का अर्थ गुड गवर्नेंस. हाशिये पर खड़े व्यक्ति को समाज के मुख्य धारा में 2022 तक लाने का लक्ष्य रखा.
प्रधानमंत्री का फोकस 2022 तक ऐसा सामाजिक परिवर्तन लाना है, जिससे सबका साथ और सबका विकास हो. साथ ही हाशिये पर खड़े व्यक्ति को भी सामाजिक व आर्थिक रूप से सबल बनाया जा सके. मोदी ने कहा कि वह काम की गति को तेज करना चाहते हैं, ताकि समाज के दबे पिछड़े लोगों को निश्चित समय में समाज की मुख्य धारा में समाहित किया जा सके.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन का जिक्र किया, जिसमें अंत्योदय सामाजिक व आर्थिक चिंतन और समाज के शोषित, दलित, कमजोर तबके का विकास था. उस चिंतन में दरिद्र नारायण की पूजा की बात भी कही गयी थी. उसी चिंतन को आगे बढ़ाते हुए मोदी ने कहा कि पार्टी व सरकार का यही मकसद है. जब तक यह काम पूरा नहीं होगा, तब तक भाजपा का लक्ष्य पूरा नहीं होगा.
मोदी ने गांव, ग्रामीण व किसानों के विकास के लिए जनधन, वनधन और जलधन पर जोर दिया. जनधन यानी गांव, गरीब, किसानों का विकास करना है. जलधन का मतलब किसानों के लिए सिंचाई की बेहतर व्यवस्था से है. वनधन के जरिये आदिवासियों-वनवासियों का विकास करना है. उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के लिए गरीबी, भूख व रोग से मुक्त गांव, गरीब और किसान के विकास की सोच को आगे बढ़ाना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हमें जीत पर और अधिक विनम्र होने की जरूरत है. हमारी चार पीढ़ियों के समर्पण का नतीजा है कि भाजपा आज सत्ता में है. इसलिए उन कार्यकर्ताओं के त्याग व बलिदान को याद रखते हुए हमें 2022 के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना है. केंद्र और राज्य सरकारों ने बहुत काम किये हैं, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. हमें उससे आगे बढ़ कर गरीबों के लिए काम करना होगा, तभी न्यू इंडिया की सोच सार्थक होगी. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि संयम से काम करें और जीत से ज्यादा उत्साहित न हों. विनम्रता से जनता की सेवा में लगे रहें.
प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि 1922 से 42 तक गांधी जी हर भाषण में स्वाधीनता का उल्लेख करते थे, तब इसकी जरूरत थी. लेकिन, अब हम सबका लक्ष्य 2022 तक पूरे भारत में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाना न्यू इंडिया (नये भारत) की सोच होना चाहिए.