नयी दिल्ली : सेना ने पिछले पांच साल के दौरान नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना या घुसपैठियों के साथ संघर्ष में जिन सैनिकों के शव क्षत-विक्षत किये गये उनके बारे में आरटीआई के तहत सूचना सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया जबकि राज्यसभा में रक्षा मंत्री द्वारा इस तरह की जानकारी दी जा चुकी है.
आवेदन दायर होने के तीन महीने बाद थलसेना ने आरटीआई अधिनियम की धारा आठ (01)(ए) का हवाला देते हुए बिना कोई कारण बताये सूचना देने से इंकार कर दिया जबकि आरटीआई आवेदक को सूचना नहीं देने की स्थिति में कारण बताना अनिवार्य है. धारा आठ (01)(ए) भारत की संप्रभुता और एकता, राष्ट्र की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, अन्य देश के साथ रिश्ते प्रभावित करने वाली या अपराध के लिए भड़काने वाली सूचना सार्वजनिक नहीं करने की अनुमति देती है. हालांकि सेना ने जिस सूचना को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया, रक्षा मंत्री एके एंटनी राज्यसभा में 27 फरवरी को वह सूचना सार्वजनिक कर चुके हैं.
सीमा पर दो भारतीय जवानों की हत्या और उनका शव क्षत विक्षत करने की घटना की पूरी जानकारी देते हुए एंटनी ने कहा था कि आठ जनवरी 2013 को पाक सीमा एक्शन दल ने मेंढर सेक्टर की कृष्णा घाटी में हमारे गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया जिसमें लांस नायक सुधाकर सिंह और लांस नायक हेमराज शहीद हो गये. लांस नायक हेमराज का सिर काट दिया गया और दोनों के शव क्षत विक्षत किये गये. इसके अलावा उनके हथियार ले लिये गये.