नयी दिल्ली : भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर निर्णायक शासन देने में विफल रहने के लिए तीखा प्रहार किया और कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, उसे देश को जवाब देना होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ जिस रास्ते पर उन्होंने कदम बढाए हैं, वह उस रास्ते से पीछे लौटने वाले नहीं हैं वह गरीबों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे. कुछ समय पहले दिये गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ‘भूकंप’ सेजुड़े बयान पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कल देश के कुछ हिस्स्सों में आए भूकंप का जिक्र किया और कहा कि ‘आखिर भूकंप आ ही गया. धमकी तो बहुत पहले ही मिल चुकी थी लेकिन कल भूकंप आ ही गया.
इंदिरा गांधी ने नेाटबंदी का प्रस्ताव वोट के लिए आगे नहीं बढ़ाया
कांग्रेस उपाध्यक्ष पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई स्कैम में सेवाभाव देखता है, स्कैम में नम्रता देखता है तो सिर्फ मां ही नहीं, धरती मां भी दुखी हो जाती है और तब भूकंप आता है. ‘ उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है और जब मैं बोलूंगा तो भूकंप आ जायेगा. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का फैसला अकेले और अचानक करने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार का प्रस्ताव तब आया था जब इंदिराजी की सरकार थी और यशवंत राव चव्हाण उनके पास गए थे. तब इसे आगे इसलिए नहीं बढाया गया क्योंकि आपको (कांग्रेस) चुनाव की चिंता थी. हमें चुनाव की चिंता नहीं है, हमारेलिए देशहित महत्वपूर्ण हैं. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि चर्चा के दौरान आप (कांग्रेस) कह रहे थे कि कालाधन संपत्ति, हीरे जवाहरात के रूप में है. हम भी इस बात को मानते हैं. इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भ्रष्टाचार का प्रारंभ नकदी से होता है. आगे इसका प्रवेश प्रोपर्टी, आभूषण आदि में होता हैं.
बेनामी सम्पत्ति को लेकर आने वाले दिनों में सख्त कदम उठाने का संकेत देते हुए उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह सदन जानना चाहता है कि यह ज्ञान कांग्रेस को कब हुआ. क्या यह ज्ञान आपको आज ही हुआ.’ उन्होंने कहा कि कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ वह जो कदम उठा रहे हैं, उससे उनके ऊपर क्या बीतेगी, क्या जुल्म होंगे, उन्हें मालूम हैं लेकिन वह प्रण के साथ आगे बढते रहेंगे.
राजीव गांधी पर उठाया सवाल
प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सवाल किया,‘‘ आपको मालूम है कि ये ही बुराइयों के केंद्र में हैं. तो आप लोग बताइए 1988 में जब राजीव गांधी पीएम थे. नेहरूजी से ज्यादा बहुमत आपके पास था. आप ही आप थे, कोई नहीं था. 1988 में आपने बेनामी संपत्ति कानून बनाया लेकिन उसे अधिसूचित क्यों नहीं किया.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको जो ज्ञान आज हुआ है, क्या कारण था कि 26 साल तक उस कानून को अधिसूचित नहीं कया गया. उस समय अधिसूचित किया होता तो जो ज्ञान आज हुआ है, 26 साल पहले स्थिति थी. देश साफ-सुथरा जल्दी हो जाता.
सर्जिकल स्ट्राइक पर भी बोले प्रधानमंत्री
मोदी ने कहा, ‘‘ आप किसी का नाम लेकर बच नहीं सकते. आपको देश को जवाब देना होगा.’ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने नोटबंदी से पहले बेनामी संपत्ति के खिलाफ कानून बनाया. ‘‘ मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं कि आप कितने हीबड़े क्यों नहींहों. गरीब के हक का आपको लौटाना होगा. मैं इस रास्ते से पीछे लौटने वाला नहीं हूं. मैं गरीबों के लिए लड़ाईलड़ रहा हूं, लड़ता रहूंगा.’ सीमापार सेना के सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बहुतबड़ा निर्णय था और सर्जिकल स्ट्राइक के कारण आपको (विपक्ष) परेशानी हो रही है. प्रधानमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के पहले 24 घंटे में कैसे-कैसे बयान दिये गए लेकिन जब देखा कि देश का मिजाज अलग है तब भाषा बदलगयी.
कांग्रेस के लोकतंत्र वइमरजेंसीपरक्याबोलेमोदी
देश के लिए गांधी परिवार के कुर्बानी देने संबंधी कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ बहुतबड़ी कृपा की आपने देश पर, लोकतंत्र बचाया, कितने महान लोग हैं. लेकिन उस पार्टी के लोकतंत्र को देश भलीभांति जानता है. पूरा लोकतंत्र एक परिवार को आहूत कर दिया गया.’ उन्होंने कहा कि कल हमारे मल्लिकार्जुन जी कह रहे थे किकांग्रेस की कृपा है कि अब भी लोकतंत्र बचा है. आप प्रधानमंत्री बन पाए.
आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि 1975 का कालखंड जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था, हिंदुस्तान को कारागार बना दिया गया था. जेपी समेत लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था. अखबारों पर ताले लगा दिये गये थे. उन्हें अंदाज नहीं था कि जनशक्ति क्या होती है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र कोे कुचलने के ढेर सारे प्रयासों के बावजूद जनशक्ति की ताकत से लोकतंत्र पुन: स्थापित हुआ. लोकतंत्र की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी इस देश का प्रधानमंत्री बन सकता है.’