चंडीगढ : हरियाणा में आरक्षण को लेकर 29 जनवरी से जाटों का आंदोलन फिर शुरु होने की संभावना के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने राज्य में 7000 होमगार्डों की तैनाती के अलावा केंद्र से अर्द्धसैन्य बलों की 55 कंपनियों की मांग की है. पहले हुए इसी प्रकार के आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ. जाट समुदाय के संगठनों ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर आरक्षण की उनकी मांग पूरी नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्य में 19 जिलों में फिर से विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है.
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हरियाणा में 29 जनवरी से एक बार फिर जाट आंदोलन की तैयारी
चंडीगढ : हरियाणा में आरक्षण को लेकर 29 जनवरी से जाटों का आंदोलन फिर शुरु होने की संभावना के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने राज्य में 7000 होमगार्डों की तैनाती के अलावा केंद्र से अर्द्धसैन्य बलों की 55 कंपनियों की मांग की है. पहले हुए इसी प्रकार के आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई […]
इन 19 जिलों में रोहतक, सोनीपत, भिवानी, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ, पानीपत, हिसार, जींद, कैथल एवं फतेहाबाद शामिल हैं. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति प्रमुख यशपाल मलिक ने कल ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘हम अन्य पिछडा वर्ग दर्जा हासिल करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कई गांवों में पिछले 11 महीनों से पंचायत आयोजित कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा एवं केंद्र में भाजपा सरकार ने पिछली बार हमारे साथ धोखा किया और हमसे झूठे वादे किए ताकि हम आंदोलन रोक दें.
उन्होंने निजी एवं सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के फर्जी मामलों में हमारे युवाओं को निशाना बनाया।’ आंदोलन की योजनाओं के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने कंेंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों की 55 कंपनियों (करीब 5500 बलों) की मांग की है और राज्य में 7,000 होम गार्डों की प्रतिनियुक्ति के लिए कॉल आउट नोटिस भी जारी किया है. हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव :गृह: राम निवास ने आज यहां कहा, ‘‘ यद्यपि विभिन्न आंदोलनरत संगठनों के नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने का आश्वासन दिया है, प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है.’
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