नयी दिल्ली: मंत्रियों सहित लोक सेवकों द्वारा सत्ता का जानबूझ कर दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले लोगों को प्रोत्साहन एवं संरक्षण देने के मकसद से एक नियमित तंत्र बनाने के प्रावधान वाले महत्वपूर्ण विधेयक को आज संसद की मंजूरी मिल गयी. राज्यसभा में संक्षिप्त चर्चा के बाद सूचना प्रदाता संरक्षण विधेयक 2011 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है.
उच्च सदन में इस विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कार्मिक राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि यह विधेयक कानून बनने के बाद देश में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सूचना का अधिकार कानून का पूरक बनेगा. विधेयक में जहां भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले लोगों की सुरक्षा के पर्याप्त प्रावधान हैं वहीं इसमें गलत या फर्जी शिकायत करने वाले लोगों के खिलाफ सजा की व्यवस्था है.
नारायणसामी ने कहा कि संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार तथा कुछ सदस्य इस विधेयक में संशोधन लाना चाहते थे. लेकिन चूंकि यह सत्र का आखिरी दिन है यदि इसमें संशोधन किया गया तो इसे फिर से लोकसभा की मंजूरी दिलवानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि समय के अभाव में इसे दूसरे सदन की मंजूरी नहीं मिलने के चलते यह विधेयक कानून नहीं बन पायेगा. उन्होंने कहा कि सदस्यों द्वारा जतायी गयी चिंताओं को दूर करने के लिए 10 दिनों के भीतर संवैधानिक तरीकों के तहत कदम उठाये जायेंगे.
इस विधेयक को 2011 में लोकसभा की मंजूरी मिली थी. लेकिन विभिन्न कारणों से इसे उच्च सदन की मंजूरी दिलवाने में लगातार विलंब होता गया.उच्च सदन में इस विधेयक पर आज हुई चर्चा में अधिकतर सदस्यों ने पिछले कुछ वषो’ के दौरान भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले लोगों की कई राज्यों में हत्या और उन्हें प्रताड़ित करने की घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि उनके संरक्षण के लिए विधेयक में पर्याप्त उपाय किये जाने चाहिए.
भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सेना में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही कोई भी ऐसी खामी नहीं होनी चाहिए जिससे देश की सुरक्षा एवं अखंडता को कोई खतरा पहुंचे.उन्होंने भंडाफोड़ करने वाले व्यक्ति की पहचान को हर हालत में गोपनीय बनाये रखने पर बल दिया. माकपा के तपन सेन ने कहा कि सार्वजनिक निजी क्षेत्र की भागीदारी में चल रही परियोजनाओं में भी भ्रष्टाचार के मामलों से कड़ाई से निपटा जाना चाहिए.भाजपा के प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केवल बिल (विधेयक) पारित करने से कुछ नहीं होगा. सरकार को भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए विल (इच्छाशक्ति) भी दिखानी होगी. चर्चा में कांग्रेस के आनंद भास्कर रापोलू, तृणमूल कांग्रेस के डी बंदोपाध्याय, भाकपा के डी राजा और बीजद के वैष्णव परीदा ने भी भाग लिया.