नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध दायर अपील को वापस लेने के केजरीवाल सरकार (अब पूर्ववर्ती) के अनुरोध पर 26 फरवरी को सुनवाई करेगी.
नयी याचिका न्यायमूर्ति वी पी वैश की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी. न्यायमूर्ति वैश ने कहा कि चूंकि मामले पर एक अन्य अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा था इसलिए यह उचित होगा कि आवेदन को उसे ही स्थानांतरित कर दिया जाए. अब न्यायमूर्ति सुनील गौर 26 फरवरी को सुनवाई करेंगे.अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने 14 फरवरी को उच्च न्यायालय से कहा था कि वह इस मामले में दायर अपील वापस लेना चाहती है. मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद ने जन लोकपाल विधेयक पेश करने को लेकर उपजे विवाद पर इस्तीफा दे दिया था.
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना रुख जोरशोर से रखते हुए निवर्तमान आप सरकार ने अपने आवेदन में कहा था कि अपील वापस लेने के मंत्रिमंडल के फैसले पर उपराज्यपाल की मंजूरी मिल गयी है. सरकार का कहना था कि शीला दीक्षित को अब स्वयं ही अपना बचाव करना होगा क्योंकि वह मुख्यमंत्री नहीं है, ऐसे में उसके लिए (आप सरकार के लिए) पूर्व मुख्यमंत्री का बचाव करने का कोई तुक नहीं है. पिछली कांग्रेस सरकार ने यह अपील दायर की थी.