भोपाल: भोपाल गैस कांड की आज 30 वीं बरसी है. इस दुर्घटना में 15,000 लोगों की जान चली गयी थी. हालांकि सरकारी आंकड़े को माने तो गैस कांड से कुल 3787 मौत हुईं थी. 2006 में सरकार ने एक हलफनामे में कहा कि इसकी वजह से 558125 लोग प्रभावित हुए थे. इनमें बड़ी संख्या में इस त्रासदी से विकलांग होने वाले लोग भी शामिल हैं.
दुर्घटना के दौरान मौजूद जो लोग जिंदा बच गये, उन्हें भी अपंगता व अंधेपन का शिकार होना पड़ा. भोपाल गैस त्रासदी का जख्म आज भी उनके जीवन में बना हुआ है.गैस कांड में मिथाइल आइसो साइनाइट नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था. इस दुर्घटना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस इलाके से गुजरने वाली ट्रेनों में सफर कर रहे लोगों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ा.मिथाइल आइसोसाइनाइट का उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था.
कैसे हुई थी दुर्घटना
बताया जाता है कि यूनियन कार्बाइट कारखाना सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं था. कारखाने में सुरक्षा के लिए रखे गये सारे मैनुअल अंग्रेजी में थे जबकि कारखाने में कार्य करने वाले ज्यादातर कर्मचारी को अंग्रेजी का बिलकुल ज्ञान नहीं था. इतना ही नहीं कारखाने के गैस रिसाव के लिए बनायी गयी व्यवस्था में भी त्रुटि थी.
एंडरसन को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था
अमेरिका के निवासी एंडरसन इस मामले की सुनवाई के दौरान कभी भोपाल की अदालत में पेश नहीं हुए जिन्हें विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी का मुख्य आरोपी माना गया था. लिहाजा उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया और 2013 में उनकी मृत्यु भी हो गई थी.