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नोटबंदी पर संसद में हंगामा जारी : दोनों सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : बडे नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. 2 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने जोरदार […]

नयी दिल्ली : बडे नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. 2 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने जोरदार हंगामा फिर आरंभ कर दिया जिसपर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि लगता है हंगामा करके विपक्ष टीवी पर आना चाहते हैं जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता मल्ल‍िकार्जुन खड़गे ने कहा कि बात टीवी पर आने की नहीं है बात है लोगों को कष्‍ट में डालने की.

कुछ इसी प्रकार का नजारा आज राज्यसभा में भी देखने को मिला जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही पांचवीं बार 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया, जैसे ही 3 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई. विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.

लोकसभा में विपक्षी सदन का कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है. लेकिन विपक्षी दल काय र्स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अडे रहे. आसन के समीप विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण पहली बार सदन की कार्यवाही 11 बजकर 50 मिनट पर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी. इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. अन्नाद्रमुक सदस्यों को भी अपने स्थान से उठकर विरोध करते देखा गया.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अगर आप गरीबों, आम लोगों की परेशानियों को उठाना चाहते हैं तो चर्चा करें. सरकार भी चर्चा को तैयार है. अध्यक्ष ने कहा कि कार्यस्थगन के प्रस्ताव को पहले ही अस्वीकार किया जा चुका है. अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही चलायी। हालांकि हंगामा बढता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 50 मिनट पर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों करने का मुद्दा उठाया और कार्यस्थगित करके तत्काल चर्चा शुरु कराने की मांग की. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट को खत्म करने और इसके उपर पनपने वाले आतंकवाद को खत्म करने को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी नीत सरकार ने यह कदम उठाया है. इस कदम को पूरे देश में एक स्वर से समर्थन मिला है. अनंत कुमार ने कहा कि हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं. भारत सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है. पूरी जनता मोदी सरकार के इस निर्णय के साथ है.

कुमार ने कहा कि हम चर्चा को तैयार हैं. आप (विपक्षी सदस्य) अपने स्थान पर जाएं और सदन का कामकाज चलायें. हम हर विषय पर चर्चा करने और हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं. हालांकि, विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं थे और कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग करते रहे. जब मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे तब आसन के समीप शोर शराबा करते कुछ सदस्य उनके सामने आ गए। अध्यक्ष ने उनसे मंत्री के सामने नहीं आने को कहा। लेकिन सदस्य मंत्री के समक्ष नारेबाजी करते रहे. इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा ‘‘आप टीवी पर आना चाहते हैं तो जरुर आइए. मैं लोक सभा टीवी से आग्रह करती हूं कि वो इन्हें दिखाये. पूरा हिन्दुस्तान देख ले.’

सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हम टीवी पर नहीं आना चाहते हैं. नोटबंदी के कारण जनता परेशान है, गरीब परेशान हैं, आम लोग परेशान हैं. हम इस पर चर्चा चाहते हैं. हम नियम 56 के तहत चर्चा चाहते हैं. खडगे ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है. सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा करायी जाए. इस पर तत्काल चर्चा शुरू करायी जाए. तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस मुद्दे पर कार्यस्थगन का नोटिस दिया है. इस कदम के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है. दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरु होने पर विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कल कानपुर के पास इंदौर पटना एक्सप्रेस की दुर्घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर बयान देते हुए इस पर गंभीर दुख प्रकट किया और सदन को इससे संबंधित जानकारी दी.

अध्यक्ष ने शोर शराबे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाये. उन्होंने विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्तावों के नोटिस को अनुमति नहीं दी. उन्होंने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और चर्चा शुरू करने का आग्रह किया लेकिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य नियम 56 के तहत ही चर्चा की मांग पर अडे रहे. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘बहुत दुखद स्थिति है. आप चर्चा नहीं चाहते.’ हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजकर 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यो की त्यों बनी रही। और विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर डटे रहे तथा आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. व्यवस्था नहीं बनते देख उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई ने करीब दो बजे कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.

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