नयी दिल्ली: संप्रग सरकार के अंतिम रेल बजट (अंतरिम) को तेलंगाना मुद्दे ने आज पटरी से उतार दिया. इस मुद्दे पर हंगामा कर रहे सदस्यों ने रेल मंत्री मल्लिकार्जून खड़गे को अपना बजट भाषण पूरा नहीं करने दिया और मंत्री को कुछ देर बाद ही बाकी भाषण बिना पढ़े सदन पटल पर रखना पड़ा. हंगामे और नारेबाजी में संप्रग सरकार के सीमांध्र क्षेत्र के मंत्री भी शामिल थे.
सुबह से ही तेलंगाना मुद्दे को लेकर हंगामा और नारेबाजी कर रहे तेलुगूदेशम पार्टी तथा कांग्रेस सदस्यों की एक दूसरे से तगड़ी कहासुनी हुई और माहौल इस कदर गरमाया गया कि शरद यादव, सौगत राय और जगदम्बिका पाल जैसे वरिष्ठ नेताओं ने बीच में पड़कर कांग्रेस और तेदेपा सदस्यों के बीच हाथापाई को टाला. सदन में हुए इस भारी हंगामे और अशोभनीय आचरण पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि सदन में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर वह बेहद दुखी हैं.
इस मुद्दे पर एक बार के स्थगन के बाद मध्याहन सदन की बैठक शुरु होते ही कांग्रेस, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस सदस्य आसन के समक्ष जुटना शुरु हो गए और बड़े बड़े बैनर और पोस्टर आसन के समक्ष लहराने लगे.जैसे ही रेल मंत्री खड़गे ने भाषण शुरु किया, ‘जय सम्यक आंध्र’’ के नारे लगा रहे सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस सदस्यों ने अपने विरोध के स्वर और तेज कर दिए. इसमें अभूतपूर्व घटना यह रही कि सीमांध्र से ताल्लुक रखने वाले चार केंद्रीय मंत्री के एस राव, डी पुरंदेश्वरी, चिरंजीवी और के सूर्यप्रकाश रेड्डी भी आसन के सामने आ डटे. केंद्रीय मंत्री पल्लम राजू और कृपारानी किल्ली सत्ता पक्ष के बीच के गलियारे में खड़े होकर अपने साथियों का समर्थन करते नजर आए.