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डिप्लोमा कोर्सेज से आसान बनाएं नौकरी की राह
अच्छी जॉब पाने के लिए उच्च शिक्षा ही नहीं, बल्कि डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज भी अच्छे विकल्प हैं. यदि आपने 10वीं या 12वीं की पढ़ाई पूरी कर ली है और जॉब की तलाश में हैं, तो कुछ महीनों का डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर अपने सपने को साकार करने की दिशा में मजबूती से कदम […]
अच्छी जॉब पाने के लिए उच्च शिक्षा ही नहीं, बल्कि डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज भी अच्छे विकल्प हैं. यदि आपने 10वीं या 12वीं की पढ़ाई पूरी कर ली है और जॉब की तलाश में हैं, तो कुछ महीनों का डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर अपने सपने को साकार करने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा सकते हैं. इंजीनियरिंग और पैरामेडिकल से जुड़े कई ऐसे डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज उपलब्ध हैं, जिनके बाद अच्छी जॉब के साथ-साथ स्वरोजगार के भी ढेरों मौके हैं. स्कूली शिक्षा के बाद के कुछ ऐसे ही शॉर्ट टर्म कोर्सेज के बारे में जानें विस्तार से…
किसी प्रोफेशनल कोर्स का चुनाव करने से पहले हमारे में दिमाग में कई तरह के प्रश्न उठते हैं. खासकर किसी प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश लेने से पहले उसमें भविष्य की संभावनाओं के बारे में विद्यार्थी काफी आशंकित रहते हैं. विभिन्न शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों द्वारा सैकड़ों कोर्स संचालित किये जाते हैं. सभी कोर्सेज का अपना एक दायरा होता है और उसी हिसाब से उनका पाठ्यक्रम भी तय होता है.
यहां दो विकल्प हैं- पहला, किसी लंबी योजना के साथ उच्च शिक्षा की तरफ रुख करें या फिर दूसरा, किसी ऐसे शॉर्ट टर्म कोर्स को चुनें, जिसके बाद आसानी से जॉब मिल सके. ज्यादातर डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्सेज कम अवधि के होते हैं और उनमें थ्योरी के बजाय प्रैक्टिकल पर फोकस होता है. यही वजह है कि डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद जॉब मिलने में आसानी होती है. खास बात यह भी है कि ज्यादातर डिप्लोमा कोर्सेज 10वीं या 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद किये जा सकते हैं. हालांकि, स्नातक के बाद भी कई ऐसे डिप्लोमा कोर्स हैं, जिसे प्रोफेशनल योग्यता में मजबूत कड़ी के रूप में देखा जाता है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही डिप्लोमा कोर्सेज के बारे में, जहां स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद आप आसानी से दाखिला ले सकते हैं और जॉब पाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.
इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्सेज
इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने के लिए इन शॉर्ट टर्म कोर्सेज की भूमिका महत्वपूर्ण है. अमूमन, दो से तीन वर्ष की अवधि के इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्सेज में प्रैक्टिकल और स्किल ओरिएंटेड ट्रेनिंग पर विशेष रूप से फोकस किया जाता है. तीन वर्ष के पाठ्यक्रम में साइंटिफिक स्किल, कंप्यूटिंग व एनालिसिस, मैथमेटिकल टेक्निक और कम्युनिकेशन स्किल आदि विषय शामिल होते हैं. कई देशों में इन कोर्सेज को प्री-इंजीनियरिंग या ब्रिजिंग कोर्स के रूप में जाना जाता है. हमारे देश में कई ऐसे संस्थान और विश्वविद्यालय हैं, जो इंजीनियरिंग डिप्लोमा रखनेवाले छात्रों को डिग्री कोर्स (बीइ/ बीटेक आदि) में लैटरल एंट्री देते हैं.
प्रमुख कोर्सेज : डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, टेक्सटाइल, टेलीकम्युनिकेशन, इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग आदि.
प्रमुख संस्थान : एआइसीटीइ या स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से मान्यताप्राप्त पॉलिटेक्निक कॉलेज, विवि आदि.
कोर्स अवधि : ज्यादातर इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स तीन वर्षीय होते हैं.
जॉब के मौके : जेइ (जूनियर इंजीनियर), टेक्नीशियन, टेक्नोलॉजिस्ट, सुपरिंटेंडेंट, मशीनिस्ट, कैड/ कैम प्रोग्रामर, इलेक्ट्रीशियन आदि.
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