नयी दिल्ली: भारत का स्वदेशी सैन्य विकास कार्यक्रम एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है क्योंकि 5000 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकने में सक्षम अग्नि 5 बालिस्टिक मिसाइल और आईएनएस अरिहंत परमाणु पनडुब्बी के अगले वर्ष सशस्त्र सेनाओं में शामिल करने के लिए तैयार होने की संभावना है. डीआरडीओ ने आज यह जानकारी दी.
द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीआरडीओ के प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा कि भारत में अपने मिसाइल कार्यक्रम के जरिए उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता है, लेकिन वह अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल का हामी है.
उन्होंने कहा, ‘‘विकास परीक्षण पूरे होने में अभी दो तीन और परीक्षण बाकी है और यह एक वर्ष के भीतर पूरे होने का अनुमान है. हम इस वर्ष से कैनिस्टर से परीक्षण करने जा रहे हैं. कुछ परीक्षणों के बाद यह सेना में शामिल करने के लिए तैयार होगा.’’ तीन चरणीय, ठोस ईंधन वाले मिसाइल का समन्वित परीक्षण स्थल के प्रक्षेपण परिसर-4 से मोबाइल लांचर द्वारा दो बार परीक्षण हो चुका है, जो बेहद सफल रहा. देश में ही विकसित अग्नि-5 मिसाइल 5000 से ज्यादा दूरी तक मार करने में सक्षम है. यह 17 मीटर लंबा और 2 मीटर चौड़ा है और इसका प्रक्षेपण वजन 50 टन के आसपास है.