नयी दिल्ली :उरी हमले को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, वित्तमंत्री अरुण जेटली, सेना अध्यक्ष दलबीर सिंह और अन्य उच्च अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे और करीब एक घंटे तक इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई. प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ सभी तरह की रणनीति पर चर्चा हुई, साथ हीं पीएम मोदी ने मंत्रियों और अधिकारियों से वहां के स्थिति के बारे में जानकारी ली.सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हमले के जांच की जिम्मेदारी एनआइए को दी जा सकती है.
जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में यूनिट पर हुए भीषण आतंकी हमले में 20 जवान गंवाने वाली भारतीय सेना अब बदले के मूड में दिख रही है. सेना चाहती है कि पाकिस्तान से लगती 778 किलोमीटर लंबी एलओसी पर पाक को बेहद कड़ा जवाब देने की जरुरत है. भारतीय सेना एलओसी पर तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग उठा सकती है. इतना ही नहीं भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे.
खबर है कि सुरक्षा बलों चाहते हैं कि सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए. उधर, उरी हमले को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उच्च अधिकारियों की बैठक जारी है. बैठक में रक्षा मंत्री के अलावा बीएसएफ और सीआरपीएफ के डीजी, खुफिया एजेंसी रॉ और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख भी मौजूद हैं. खबर है कि इस बैठक के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर विचार किया जाएगा.
आपको बता दें कि उत्तरी कश्मीर के उड़ी शहर में रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने 12 ब्रिगेड मुख्यालय के समीप सेना के आधार शिविर (आर्मी बेस)पर तब हमला कर दिया, जब सेना के जवान सो रहे थे. हमले में 17 जवान शहीद हो गये व 20 घायल हुए हैं. मारे गये चारों हमलावर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य हैं.
जम्मू-कश्मीर में करीब 25 साल से जारी आतंकवाद के दौरान सेना पर यह सबसे घातक हमला है. लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के नजदीक उड़ी सेक्टर में स्थित इस आर्मी बेस में आतंकी पीओके के रास्ते सुबह करीब पांच बजे के आसपास घुसे. फिर ताबड़तोड़ ग्रेनेड फेंके, जिससे कुछ बैरकों में आग लग गयी. बैरक में आग लगने से एक तंबू में सो रहे डोगरा व बिहार रेजिमेंट के 17 जवान जिंदा जल गये. हालांकि, सेना ने 14 सैनिकों के ही जलने की पुष्टि की है. सुरक्षा बलों ने तुरंत मोरचा संभाला और तीन घंटे तक चले मुठभेड़ में चारों आतंकियों को मार गिराया. हालात संभालने के लिए पैरा कमांडो की टीम को मौके पर उतारा गया.
सेना का सर्च ऑपरेशन देर रात तक जारी रहा, ताकि कोई और आतंकी न बच पाये. घायल 20 जवानों को श्रीनगर स्थित बेस अस्पताल में भरती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. इस बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर व आर्मी चीफ ने घायल सैनिकों से मुलाकात की और उनका हाल जाना. मालूम हो कि आठ जुलाई को सुरक्षाबलों की ओर से एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को ढेर किये जाने के बाद से कश्मीर घाटी में अशांति बनी हुई है.