नयी दिल्ली : भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहागने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल कर आरोप लगाया है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने उनका प्रमोशन रोकने की कोशिश की थी.यहखबर अंगरेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने दी है. मालूम हो कि सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद जनरल वीके सिंह ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये थे और वर्तमान में केंद्र में विदेश राज्यमंत्री हैं. अखबार ने लिखा है कि यह पहला मौका है, जब एक मौजूदा सेना प्रमुख ने अपने पूर्ववर्ती पर ऐसे आरोप लगाये हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जनरल दलबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दिये गये अपने शपथ पत्र में कहा है कि वर्ष 2012 में मुझे उस वक्त के सेना प्रमुख द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसका एकमात्र उद्देश्य मेरा प्रमोशन रोकना था,ताकिमैं आर्मी कमांडर न बनजाऊं.मेरे खिलाफ कई तरह के बेबुनियाद आरोप लगाये गये.
जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने यह हलफनामा एक याचिका के जवाब में दाखिलकिया है. वह याचिका लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड रवि दस्ताने की तरफ से डाली गयी थी. इस याचिका में कहा गया कि दलबीर सिंह सुहाग को पक्षपात कर सेना प्रमुख बनाया गया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दलबीर सिंह सुहाग के नेतृत्व वाली एक यूनिट पर आरोप था कि उन्होंने अप्रैल से मई के बीच पूर्वोत्तरकेइलाके में हत्याएं और लूटपाट की थीं. उस समय के सेना प्रमुख वीके सिंह ने सुहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनकी पदोन्नति रोक दी थी. तभी से यह विवाद चल रहा है. उधर, वीके सिंह अपनी कार्रवाई को हमेशा जायज बताते रहे हैं. इस मुद्दे पर अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने ट्विटर पर लिखा था : अगर कोई यूनिट बेगुनाहों की हत्या करती है, लूटपाट करती है और उसके बाद यूनिट का प्रमुख उन्हें बचाने का प्रयास करता है, तो क्या उसे जिम्मेवार नहीं ठहराया जाना चाहिए? अपराधियों को खुला घूमने दिया जना चाहिए?