नयी दिल्ली : राज्यसभा में विपक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए सरकार कश्मीर की स्थिति पर बुधवार यानी आज राज्यसभा में चर्चा कराने पर सहमत हो गई है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल इस मामले को लेकर कहा कि यह एक गंभीर समस्या है. इस जटिल मुद्दे के हल में सबसे सहयोग जरुरी है.
मंगलवार को शून्यकाल में कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने कश्मीर में एक महीने से जारी कर्फ्यू पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने पैलेट गन के इस्तेमाल पर भी रोक लगाए जाने की सरकार से मांग की. विपक्ष मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने की मांग कर रहा है.
विपक्ष कश्मीर की स्थिति पर मंगलवार को ही सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा था जबकि सरकार इस पर बुधवार को चर्चा कराए जाने के पक्ष में थी. इस खींचतान के बीच विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर बुधवार सुबह चर्चा कराए जाने का विचार बनाया, जिसे गृहमंत्री सिंह ने स्वीकार कर लिया. सिंह ने इसके बाद सदन में कहा कि संवेदनशील राज्य कश्मीर में उत्पन्न हुई समस्या का हल सिर्फ सरकार नहीं कर सकती और इसमें सबका सहयोग जरूरी है.
पाकिस्तान के उच्चायुक्त को भारत ने किया तलब
संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने मंगलवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और कश्मीर में सीमा पार आतंक को पाकिस्तान की ओर से लगातार समर्थन देने पर एक कठोर डिमार्शे जारी किया. इसने घाटी में अशांति को बढ़ावा दिया है. विदेश सचिव एस जयशंकर ने बासित को अपने साउथ ब्लॉक कार्यालय में बुलाया और मुद्दे पर जोरदार विरोध दर्ज कराया, क्योंकि उन्होंने लश्कर-ए-तय्यबा के आतंकवादी और पाकिस्तानी नागरिक बहादुर अली का विशेष तौर पर उल्लेख किया, जिसे हाल में एक मुठभेड़ के दौरान उत्तर कश्मीर से पकड़ा गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि जयशंकर ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को बुलाया और पाकिस्तान से लगातार चल रहे सीमा पार आतंकवाद पर सख्त डिमार्शे जारी किया. बासित को जारी डिमार्शे के अनुसार पाकिस्तान के जिया बग्गा गांव में जन्मे अली को 25 जुलाई को भारतीय अधिकारियों ने हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था. साथ ही उसके पास से अत्याधुनिक संचार उपकरण और अन्य सामग्रियां जब्त की गयीं थीं.
घाटी में 33वें दिन कर्फ्यू जारी
कश्मीर घाटी के कुछ हिस्सों में 33वें दिन भी कर्फ्यू जारी है और बाकी के इलाकों में पाबंदियां अब भी लगी हुई हैं. सेना यहां उपद्रवी तत्वों को काबू में रखने के लिए पुलिस तथा अर्द्धसैनिक बलों की मदद कर रही है. सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की आठ जुलाई को मौत हो गई थी, जिसके एक दिन बाद घाटी में हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था.
युवक की मौत पर कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से उन परिस्थितियों पर मंगलवार को एक रिपोर्ट मांगी, जिसमें 10 जुलाई को श्रीनगर के बटमालू क्षेत्र में कथित रूप से प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा एक युवक मारा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में डीएसपी सहित पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ शुरू अवमानना कार्यवाही पर भी रोक लगा दी. कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार की अर्जी पर शब्बीर अहमद मीर के पिता को भी नोटिस जारी किया है.