नयी दिल्ली: शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा और उनके छोटे भाई हरदीप से जुड़े गोलीकांड में एक नया मोड़ देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने उत्तराखंड के बर्खास्त अल्पसंख्यक आयोग प्रमुख सुखदेव सिंह नामधारी समेत सभी 21 आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप हटा दिया.
हालांकि अदालत ने कथित मुख्य साजिशकर्ता नामधारी और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी सचिन त्यागी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप जोड़ दिया. इस अपराध के लिए अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. सत्र अदालत ने नामधारी और सचिन के खिलाफ हत्या का आरोप हटाने और गैर इरादतन हत्या का आरोप जोड़ने के लिए विस्तार से कारण बताए.
अदालत ने कहा कि 17 नवंबर, 2012 की जिस गोलीबारी में पोंटी और हरदीप की मौत हो गयी, वह ऐसी घटना जान पड़ती है जो अचानक और अप्रत्याशित रुप से हुई. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश देते हुए कहा, ‘‘घटनास्थल पर हरदीप सिंह की उपस्थिति अचानक और अप्रत्याशित थी. इसी व्यक्ति ने घायल नरेंद्र अहलावत :पोंटी के प्रबंधक जो इस मामले में आरोपी भी है. पर गोलियां चलाई और अपने बड़े भाई गुरदीप सिंह चड्ढा :पोंटी: पर कई गोलियां दाग दी. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद नामधारी और सचिन ने अपने आग्नेयास्त्र से हरदीप पर गोली चलाई जिससे उसकी मौत हो गयी. इस प्रकार नामधारी और सचिन का यह कृत्य गैरइरादतन हत्या के अंतर्गत आता है जो भादसं की धारा 300 के अपवाद चार के तहत है.’’ इक्कीस आरोपियों के खिलाफ कल औपचारिक रुप से आरोप तय किए जाएंगे.