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दलित उत्पीड़न मुद्दे पर हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर रही बाधित

नयी दिल्ली : गुजरात में दलितों के कथित उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक आज बार बार बाधित हुई जबकि भाजपा के एक नेता द्वारा बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ टिप्पणी की पूरे सदन ने एकस्वर में भर्त्सना की. सदन में आज विपक्षी सदस्यों द्वारा आसन के […]

नयी दिल्ली : गुजरात में दलितों के कथित उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक आज बार बार बाधित हुई जबकि भाजपा के एक नेता द्वारा बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ टिप्पणी की पूरे सदन ने एकस्वर में भर्त्सना की.

सदन में आज विपक्षी सदस्यों द्वारा आसन के समक्ष आकर नारेबाजी और हंगामा करने के कारण बैठक छह बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजकर करीब 40 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. हंगामे के कारण प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया.
सदन की बैठक शुरु होने पर शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने गुजरात में दलितों के कथित उत्पीडन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा गुजरात में दलितों का दमन किया जा रहा है और यहां इस मुद्दे पर चर्चा तक नहीं हो रही है.र्ंर्ं उन्होंने गुजरात में स्थानीय गौरक्षक समूह के सदस्यों द्वारा दलितों पर कथित हमले किए जाने की घटना का संदर्भ देते हुए कहा ‘‘यह एक संगठित अपराध है जो गुजरात में हो रहा है. इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए .’ हंगामे के बीच ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत बयान देने के लिए उठे.
उन्होंने कहा कि घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है. राज्य सरकार ने तत्काल कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पीडितों को आर्थिक मदद दी जा रही है. घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी.
इस टिप्पणी पर क्षोभ जताते हुए मायावती ने कहा, मैंने विवाह नहीं किया और पूरे देश के उत्पीडित वर्ग को अपना परिवार समझा. मैंने अपने गुरु कांशीराम की इस सलाह का पालन किया कि पूंजीपतियों से नहीं बल्कि वंचितों से चंदा लिया जाए. उन्होंने कहा कि बसपा को उत्तर प्रदेश में जो भारी समर्थन मिल रहा है उससे भाजपा बहुत परेशान है. सरकार को आगाह करते हुए बसपा नेता ने कहा कि अगर इसके विरोध में कुछ लोग सडकों पर उतरते हैं तो इसके लिए बसपा जिम्मेदार नहीं होगी.
बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्रा एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संबंधित भाजपा नेता के खिलाफ एससी. एसटी कानून के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की. विपक्ष चाहता था कि इस टिप्प्णी की भर्त्सना करते हुए सदन में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जाए. इस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि पूरा सदन पहले ही इसकी एकस्वर में भर्त्सना कर चुका है तथा यह रिकार्ड में दर्ज है.
उन्होंने सरकार से कहा कि इस प्रकार की टिप्पणी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानून के तहत कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए. इसके बाद उपसभापति ने प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि विधेयक पर चर्चा शुरु करवाने को कहा तो बसपा, कांगे्रस एवं तृणमूल कांगे्रस के सदस्य गुजरात में दलितों के उत्पीडन के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये.
कुरियन ने इस विधेयक पर चर्चा शुरु करने के लिए पहले कांगे्रस के जयराम रमेश और फिर भाजपा के भूपेन्द्र यादव को बुलाया. यादव ने जैसे ही अपनी बात कहना शुरु किया, रमेश ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस विधेयक पर बोलने वाले वह पहले सदस्य हैं. लिहाजा उनके स्थान पर किसी अन्य को मौका नहीं दिया जा सकता. पर जब तक सदन में व्यवस्था कायम नहीं हो जाती वह अपनी बात शुरु नहीं करेंगे. सदन में हंगामा थमते ने देख उपसभापति ने अपराह्न तीन बजकर 40 मिनट पर बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.

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