नयी दिल्ली : भारतीय उप महाद्वीप में बाल अधिकारों को बढावा देने में शानदार काम के लिए ‘एक भारतीय-पाकिस्तानी’, हिंदू-मुस्लिम ‘अमन के मसीहा’ कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को इस साल के शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया. लेकिन ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने मलाला के नोबेल पुरस्कार पर सवाल उठा दिया है.
Reporter: Malala ko puraskaar mila to kya galat thaa?
SriSri Ravi Shankar: Aur kya? Uss ladki ne kuch bhi nahin kiya pic.twitter.com/961EKb9d5e— ANI (@ANI) May 2, 2016
श्री श्री ने एक संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि मलाला को नोबेल पुरस्कार देने का कोई ओचित्य नहीं था. उस लड़की ने कुछ भी नहीं किया है. 17 साल की लड़की को नोबेल पुरस्कार दिया जाना गलत था. श्री श्री ने कहा, मैं किसी भी पुरस्कार के पक्ष में नहीं हूं. मैं अपना काम करने पर विश्वास रखता हूं. श्री श्री ने कहा, हमें हमेशा वैसे लोगों को सम्मानित करना चाहिए जो इसके हकदार हैं.
श्री श्री ने नोबेल पुरस्कार को लेकर बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा, पूर्व में उन्हें नोबेल के लिए ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. उन्होंने कहा, मैंने इसे इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि मैं हमेशा काम करने पर भरोसा करता हूं, पुरस्कार पाने पर नहीं.