चंडीगढ़ : सीबीआई के एक शीर्ष अधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन के लिए आज जांच एजेंसी के कार्यालय की ओर बढ़ रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने के उद्देश्य से पुलिस ने पानी की धार छोड़ी जिससे कम से कम दस भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए.
इस अधिकारी पर भाजपा ने रेलवे में पदोन्नति के लिए कथित रिश्वत मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को बचाने का आरोप लगाया है. भाजपा नेता हरमोहन धवन की अगुवाई में कई स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ के सीबीआई उप महानिरीक्षक महेश अग्रवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि अग्रवाल के बंसल के साथ पारिवारिक रिश्ते हैं और उन्होंने करोड़ों रुपये के रिश्वत मामले में बंसल के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद पूर्व रेल मंत्री को बचाया.
प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय सीबीआई कार्यालय तक जुलूस निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने अवरोधक तोड़ने का प्रयास किया. सूत्रों ने बताया कि तब पुलिस ने उन्हें तितर बितर करने के लिए पानी की धार उन पर छोड़ी जिससे एक महिला सहित कम से कम दस कार्यकर्ता मामूली तौर पर घायल हो गए.
धवन ने कहा हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था. बिना किसी उकसावे का पुलिस ने हम पर पानी की धार छोड़ी. उन्होंने दावा किया कि एक सीबीआई अधिकारी ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में 15 मई को अग्रवाल के खिलाफ एक हलफनामा सौंपा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने (अग्रवाल ने) बंसल के परिजनों से जुड़े दो मामलों में जांच को प्रभावित करने की कोशिश की.
अग्रवाल को तत्काल निलंबित करने और उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए धवन ने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई अधिकारी ने रेलवे घोटाले के सिलसिले में तीन मई को बंसल के भतीजे विजय सिंगला के घर पर सीबीआई की दिल्ली टीम के छापे की सूचना लीक कर दी थी.
तमिलनाडु कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी अग्रवाल वर्ष 2006 में पुलिस अधीक्षक बन कर चंडीगढ़ आए थे. बाद में उन्हें डीआईजी रैंक पर पदोन्नति दी गई.