जालंधर : कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने आज यहां कहा कि ‘अन्ना के आंदोलन को हाईजैक’ कर वह दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी से सहयोग लेकर सत्ता पर काबिज हो गए हैं.जालंधर में भारत स्वाभिमान मंच के एक कार्यक्रम में शिरकत करने आये योग गुरु ने आज यहां चुटकी लेते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘केजरीवाल अपने इच्छित (दिल्ली के मुख्यमंत्री) पद पर पहुंच गए हैं. उन्होंने यह पद अन्ना हजारे के आंदोलन को हाइजैक कर हासिल किया है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किये गए अन्ना के आंदोलन का इस्तेमाल कर वह सत्ता तक पहुंचे हैं.’’
रामदेव ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ अगर काम करना था तो सरकारी तंत्र में रहते उन्हें ऐसा करना चाहिए था जैसा कि हरियाणा के प्रशासानिक अधिकारी अशोक खेमका ने किया है. जिस प्रकार खेमका ने कांग्रेस नेतृत्व के दामाद के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को उजागर किया, ऐसा तो उन्होंने तब कुछ नही किया जब वह सरकारी नौकरी कर रहे थे और ऐसा कर भी सकते थे.’’उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष की दुहाई देते हैं लेकिन सत्ता पर काबिज होने के लिए उन्होंने दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी (कांग्रेस) से समर्थन ले लिया. केजरीवाल को अब साबित करना होगा कि क्या वह करना क्या चाहते हैं.’’रामदेव ने कहा, ‘‘केजरीवाल ने कहा था कि किसी से समर्थन न तो लूंगा और न ही दूंगा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. महान समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन पर पैर रख कर सत्ता तक पहुंच गए लेकिन बाद में उनके सहयोगियों ने अन्ना को कौरव तक कह डाला.’’
रामदेव ने कहा, ‘‘अगर उन्हें समर्थन लेना ही था तो वह भाजपा का समर्थन लेते. उनसे बातचीत करते जिस कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने आवाज बुलंद कर भ्रष्टाचार की लडाई लडी उसी के समर्थन से सरकार बना दी. अरविंद को यह बताना होगा कि दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी कांग्रेस से समर्थन क्यों.’’ जब यह पूछा गया कि केजरीवाल ने भाजपा को पत्र लिखा था पर उनकी ओर से जवाब नहीं आया तो फिर समर्थन की बात कैसे की जा सकती थी, बाबा ने साफगोई से कहा कि केजरीवाल को कांग्रेस से समर्थन लेने की बजाए भाजपा नेताओं से बातचीत करनी चाहिए थी.
इससे पहले उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पांच जनवरी को वह दिल्ली में एक रैली करने जा रहे हैं. इस रैली में भाजपा नेता भी शिरकत करेंगे और वह कुछ मुद्दों पर बातचीत के बाद मोदी को औपचारिक तौर पर समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं.